१६८. तार : गो० कृ० गोखलेको
जोहानिसबर्ग
अक्टूबर २२, १९१३
पूना
कलके तारमें उल्लिखित महिलाओं में से ग्यारह महिलाओंको छ: शिशओं सहित न्यूकैसिलमें हड़तालियोंसे बात करनेपर आवारागर्दीका आरोप लगाकर तीन माहकी सख्त कैद ।
गांधी
मूल अंग्रेजी तार (सी० डब्ल्यू. ४८४६) की फोटो-नकलसे।
१६९. भेंट : 'रैड डेली मेल'को
[जोहानिसबर्ग
अक्टूबर २२, १९१३]
भारतीयोंकी जो सार्वजनिक सभा गत रविवारको डर्बनमें हुई थी, उसके सम्बन्धमें श्री मो० क० गांधीने कल 'मेल' के एक प्रतिनिधिसे कहा कि जो विवरण एक स्थानीय समाचारपत्रमें छपा है वह अधूरा है और गलत भी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि सभामें गड़बड़ी मची थी और मन्त्रियोंमें से एकने, अपना त्यागपत्र देते समय, एक लम्बा वक्तव्य दिया था। उस वक्तव्यमें मेरी बड़ी निन्दा की गई थी और यह कहा गया था कि मैंने जो कुछ भी काम गत २० वर्षों में किया है वह न केवल बिल्कुल बेकार है, बल्कि भारतीय समाजके लिए बहुत हानिकारक भी है। यहांतक कि उस मन्त्रीके विचारसे मैं भारतीय समाजको दासताके पाशमें बाँधने में सहायक हुआ हूँ।
[गांधीजी:] मेरा अपना खयाल तो यह है कि उस सभामें उपस्थित व्यक्तियोंमें से कुछको छोड़कर और किसीने उस व्यक्तिकी बातपर विश्वास नहीं किया होगा। परन्तु मैंने देखा कि वहाँ आपसी फूटके तत्त्व मौजूद थे और दोनों पक्ष उत्तेजित होते जा रहे थे।
१. देखिए पिछला शीर्षक ।
२. ये महिलाएँ थीं : श्रीमती भवानी दयाल, श्रीमती थम्बी नायडू, श्रीमती एन० पिल्ले, श्रीमती के० एम० पिल्ले, श्रीमती ए० पी० नायडू, श्रीमती पी० के० नायडू, श्रीमती के० सी० पिल्ले, श्रीमती एन० एस० पिल्ले, श्रीमती रामलिंगम, कुमारी एम० पिल्ले और कुमारी एम० बी० पिल्ले ।
३. अक्टूबर १९ ।