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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


न आने दें। इस संघर्षको निरन्तर चलाने में ही कल्याण है। कोई भी देख सकता है कि सभी हमारी मांगोंको वाजिब मानते हैं। इसका एक ताजा उदाहरण संसद-सदस्य श्री ऑरका है। श्री ऑरने मैरित्सवर्गमें भाषण देते हुए कहा कि तीन-पौंडी कर रद किया जाना चाहिए और विवाहोंके सम्बन्धमें भी हमारे प्रति पूरा न्याय किया जाना चाहिए। अदालत चाहे जो अर्थ करे; किन्तु संसद तो साफ-साफ समझती थी कि जिस व्यक्तिके एक पत्नी है, उस एक पत्नीको लाने में उसे अड़चन नहीं होनी चाहिए।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २२-१०-१९१३

१६७. तार : गो० कृ० गोखलेको

जोहानिसबग
अक्टूबर २२, १९१३'

गोखले
पूना

लगभग सौ कैद। नेटाल कोयला खानोंमें लगभग दो हजार गिरमिटिया और स्वतंत्र मजदूर परिवार हड़तालपर। तीन पौंडी करको रद करनेके सरकारी वचनके बाद ही हड़ताली कामपर लौटेंगे। उनसे आम संघर्ष में शामिल होनेको नहीं कहा गया। अत्यन्त वीर महिलाओं सहित लगभग सौ व्यक्ति गिरफ्तारीके लिए अधीर। हड़ताल मुख्यतया उनके ही प्रस्तावके कारण। सीमा पार करते हुए गिरफ्तार न होनेपर वे घूम-घूमकर मजदूरोंको स्थितिसे अवगत करते रहे बहुधा मारपीटकी सीमा तक बढ़ जानेवाली उत्तेजनाके बावजूद बल या प्रतिहिंसापूर्ण कार्रवाई नहीं। अन्य कोयला खानोंमें हड़ताल फैलनेकी सम्भावना। अधिकाधिक यूरोपीयोंकी राय कर रद करनेके पक्षमें होती जा रही है। 'यूनियनिस्ट' दल सम्भवतः इस आशयका अधिकृत प्रस्ताव पास करे कि संघर्षका प्रभाव बढ़ रहा है। पोलक न्यूकै सिलमें हैं, गुरुवारको डर्बन पहुँचेंगे।

गांधी

मूल अंग्रेजी तार (सी० डब्ल्यू० ४८४५) की फोटो-नकलसे।

१. लगता है कि इस तारका मसविदा अक्तूबर २१ को तैयार किया गया था लेकिन इसे भेजा दूसरे दिन गया था; देखिए अगला शीर्षक ।