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१४५. श्री गांधी लगभग गिरफ्तार !

[सितम्बर २७, १९१३]

पिछले गुरुवारको' श्री गांधी कुछ सत्याग्रहियोंके साथ ट्रान्सवालके लिए रवाना हुए। अपने साथियों सहित वे तीसरे दर्जेमें बैठे। तीसरे दर्जेमे भी कुछ डब्बे साफ और सुविधाजनक रहा करते हैं। ऐसे ही एक डब्बेमें रेलवे अधिकारीने श्री गांधी और उनके साथियोंको बैठा दिया था। जब वे लेडीस्मिथ पहुंचे तो कंडक्टरने उन्हें हुक्म दिया कि वे लोग उस डब्बेसे निकलकर पासवाले डब्बेमें चले जायें। श्री गांधीने कहा कि हम लोग ऐसा हरगिज न करेंगे, और इसी डिब्बेमें सफर करते हुए ट्रान्सवाल पहुंचेंगे।

कंडक्टरने कहा, "मैं कहता हूँ, तुम्हें जाना ही होगा।"

श्री गांधी बोले, "हमें डर्बन में रेलवे कंडक्टरने ही इस डब्बे में बैठाया है।" 'बहस मत करो। मैं कह रहा हूँ कि तुम लोग इस डब्बेसे निकलो; यह डब्बा यूरोपीय लोगोंके लिए है और यह गाड़ी मेरे कब्जे में है।"

श्री गांधी अधिक हुज्जतमें नहीं पड़े और अपने साथियोंके साथ वे उसी डब्बमें यात्रा करनेका निश्चय करके वहीं बैठे रहे और कंडक्टरका आदेश न माननेके कारण गिरफ्तार किये जानेकी उम्मीद करने लगे। उन्हें लगा कि जेल जानेका यह एक सहज मौका हाथ लग गया है। बहुतेरे भारतीय वहाँ खड़े यह सब देख रहे थे और प्रसन्न थे कि इस कदमका परिणाम ठीक ही निकलेगा। किन्तु श्री विडनने, जो वहाँ मौजूद थे, सब काम बिगाड़ दिया। कंडक्टर श्री गांधीको पहचानता नहीं था। श्री विडनने उसके पास जाकर उनका नाम बता दिया। अतः कंडक्टर चुप रह गया और कुछ देर बाद दूसरे कंडक्टरोंके समक्ष श्री गांधीसे बहुत बातें करता रहा और यह बताता रहा कि वह तो अपना फर्ज अदा कर रहा था। श्री विंडनने इस प्रसंगपर मित्र होते हुए भी शुद्ध-भावसे, किन्तु अपनी नासमझीके कारण, शत्रुका ही काम किया। यदि इस बार श्री गांधी लेडीस्मिथमें पकड़ लिये जाते तो रेलवे-सम्बन्धी अनेक प्रश्नोंका फैसला हो जाता और अनायास ही हमारे संघर्षको भी बल मिलता। वे सारे भारतीय, जो प्लेटफार्मपर थे, इससे बड़े निराश हुए और विंडनको भी बादमें यह प्रतीत हुआ कि यदि वे बीचमें न पड़े होते तो ठीक होता।

इस घटनाके सम्बन्धमें श्री गांधीने रेलवेके जनरल मैनेजरके पास शिकायत लिख भेजी है जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस प्रकारकी तकलीफें भारतीयोंको सदा उठानी पड़ती है, यह बात उनसे स्टेशन आने-जानेवाले भारतीयोंने स्वयं कही है। लेडीस्मिथके

१. देखिए अन्तिम अनुच्छेदमें पिछले शीर्षकका उल्लेख ।

२. सितम्बर २५।