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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


शक्तिके अनुसार इसमें ज्यादासे-ज्यादा हिस्सा लेना चाहिए। इस लड़ाईमें से हमारा समाज बहुत-कुछ सीख सकेगा और बहुत ऊँचा उठ सकेगा। लक्ष्मी घर बैठे हमारे भालपर विजय-तिलक लगाने आये, उस समय अपना मुंह छिपाना या धोनेके लिए चले जाना जागरूक पुरुषका लक्षण नहीं है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २४-९-१९१३

१४२. पत्र : क्लीमेंट डोकको

फीनिक्स
नेटाल
सितम्बर २४, १९१३

प्रिय क्लीमेंट,

तुम्हारा पत्र तो मुझे मिला, परन्तु सूची नहीं मिली। मैं तुम्हें २५ प्रतियाँ, [तुम्हारे] पिताजीके मित्रों और कांग्रिगेशनमें बाँटनेके लिए भेज रहा हूँ; चाहो तो और मँगा सकते हो। संस्मरणकी प्रतियोंका यूरोपीय मित्रोंसे मूल्य लेनेका विचार कभी नहीं रहा। विचार तो यह था कि भारत में काफी संख्या में इन्हें बाँटनेके लिए भारतीय लोग इसकी प्रतियाँ खरीदें।

तुमने श्रीमती गांधीके समाचार पूछे धन्यवाद । आजकल वे फीनिक्सकी तीन अन्य भारतीय महिलाओंके साथ फोक्सरस्ट जेलमें हैं।

'दी सीक्रेट सिटी अत्यन्त आलादजनक है। खाली समयमें मैं इसको पढ़ता रहा हूँ। उसे लगभग समाप्त कर चुका हूँ।

कल मैं जोहानिसबर्ग जा रहा हूँ।

आशा है, तुम्हें 'इंडियन ओपिनियन' की प्रति मिलती होगी और तुम उसे नियमित रूपसे पढ़ते होगे।

सबको यथायोग्य ।

हृदयसे तुम्हारा,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रति (जी० एन० ७४३) की फोटो-नकलसे।

१. गांधीजी द्वारा रेवरेंड जे० जे० डोक-सम्बन्धी संस्मरण-पुस्तिकाकी प्रतियों देखिए । स्वर्गीय श्री जोजेफ जे० डोक", पृष्ठ १६०-६५ ।

२. रेवरेड डोक-रचित एक पुस्तक; देखिए पृष्ठ १६१ ।