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आरोग्यके सम्बन्धमें सामान्य ज्ञान [-३०]

मैं आपका ध्यान इस तथ्यकी ओर आकर्षित करना चाहता हूँ कि बालक अभी सत्रह वर्षका नहीं हुआ है। वह सोलहसे भी कम है।

आपका,

हस्तलिखित मूल अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ५८४८) की फोटो-नकलसे।

१०१. आरोग्यके सम्बन्धमें सामान्य ज्ञान [-३०]

१०. दुर्घटनाएँ : जलमें डूबना

कुछ रोगोंके सम्बन्धमें हम सहज रूपसे चर्चा कर गये। दुर्घटनाएँ भी समय-समयपर होती रहती हैं। उनके सम्बन्धमें भी प्रत्येक मनुष्यको साधारण जानकारी होनी चाहिए जिससे ऐसे समय में जब कि किसीके प्राण संकटमें हों मदद की जा सके। इस प्रकारकी जानकारी बालकोंको बचपन ही से दी जाये तो उनमें दयाकी वृत्तिका विकास हो सकेगा।

सर्वप्रथम तो हम डूबे हुए व्यक्तिकी हिफाजतकी बात लें। इंग्लैंडमें इस प्रकारको दुर्घटनाएं हो जाने पर सहायता करनेके लिए एक परोपकारी मण्डलकी स्थापना की गई है। उसने अनेक हिदायतें, प्रकाशित की हैं। उन्हींके आधारपर कुछ-एक परिवर्तन- परिवर्वनके साथ नीचे दिये सुझाव लिये गये है। ऐसा कहा जाता है कि श्वासके रुक जानेपर मनुष्य शायद ही पाँच मिनट जी पाता है। अर्थात् डूबते हुए मनुष्यको जब पानीसे बाहर निकाला जाता है तब वह लगभग मरा हुआ जान पड़ता है। डूबे हुएको सचेत करने और सजग रखने के लिए शीघ्र उपाय किये जाने चाहिए। इसमें दो बातोंकी ओर ध्यान रखना चाहिए। एक तो कृत्रिम श्वासोच्छ्वास शुरू करके डूबे हुएको ठीक तौरसे श्वास लेनेकी स्थितिमें लाया जाये; और दूसरे उसे, गर्मी पहुँचाई जाये। उपचारोंका विचार करते हुए हमें यह याद रखना चाहिए कि उस व्यक्तिको सार-सँभाल तत्काल ही जहाँके-तहाँ, ऐसे स्थानमें जहाँ कोई साधन उपलब्ध नहीं होते, करनी होती है। ऐसी स्थितिमें दो-तीन व्यक्तियोंकी जरूरत पड़ती है। ऐसे अवसरपर मदद करनेवाले व्यक्ति प्रत्युत्पन्नमति, धैर्यवान और तत्पर होने चाहिए ; मदद करनेवाले ही यदि घबरा जाये तो कुछ भी नहीं बन पड़ेगा। और यदि ये सभी व्यक्ति अपने-अपने मनकी करना चाहें या आपसमें सलाह-मशविरा ही करते रहें तो मरीजको बचाना कठिन हो जायेगा। सहयोगियोंको अपने बीच सबसे होशियार व्यक्तिको मार्गदर्शन के लिए चुनकर कार्य आरम्भ कर देना चाहिए।

मरीजको पानीसे बाहर निकाल लेनेके बाद पहले तो तुरन्त उसके गीले वस्त्र उतार देना चाहिए। लोगोंको अपने पासके सूखे वस्त्रोंसे उसका शरीर पोंछ डालना चाहिए। इसके बाद उसके ललाटपर सहारा देकर धीमेसे उसे उलटा लिटा दिया जाये। फिर उसकी छातीको हाथसे दबा कर उसके मुंहसे कचरा, पानी आदि निकालें और यदि जीभ बाहर निकल आये तो उसे पकड़ रखें। हाथमें रूमाल