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तार : मॉरिस अलेक्जेंडरको


उत्तरपर आधारित है और मेरे उस पत्रमें वर्तमान अधिकारोंको कायम रखनेका विशेष रूपसे उल्लेख है। यह समाज वर्तमान अधिकारोंको त्यागनेकी कल्पना कभी नहीं कर सकता। मुझे डर है कि बहसमें जो सदस्य बोले वे भ्रमवश ऐसा मान रहे थे कि दक्षिण आफ्रिकामें जन्मे भारतीयोंको केपमें दाखिल करनेकी कोई नई कोशिश हो रही है। नेटालमें जन्मे भारतीयोंकी केपमें जानेकी कोई बड़ी इच्छा कभी नहीं रही। लेकिन उन्हें वर्षोंसे प्राप्त अधिकारसे वंचित किया जाये, यह अकल्पनीय है। इस मामलेकी चर्चा माननीय गोखलेने खास तौरसे की थी। समझौतेका सार जाति-भेद हटानेके अलावा वर्तमान अधिकार कायम रखना है। फ्री स्टेटके सम्बन्धमें हमारी माँग है कि प्रवासके विषयमें भारतीयोंके विरुद्ध कोई कानूनी जातीय भेदभाव न हो। इसलिए शिक्षित प्रवासियोंके लिए फ्री स्टेट कानूनके खण्ड आठ परिच्छेद तैतीसके अन्तर्गत ज्ञापन देना जरूरी नहीं होना चाहिए। यह मुद्दा पिछले सालके पत्र-व्यवहारमें कर दिया गया था। विधेयकका संशोधित रूप देखे बिना कहना असम्भव है कि दूसरे मुद्दे संतोषजनक रूपसे तय किये गये है या नहीं। यदि विधेयकपर सीनेटमें विचार देरसे हो और मन्त्री बातचीतकी सुविधा और समझौतेकी दृष्टिसे वहाँ मेरी उपस्थिति चाहें तो मैं वहाँ प्रसन्नतापूर्वक आऊँगा और उनसे मिलूंगा। कृपया मन्त्री महोदयको विश्वास दिलायें। मेरी हार्दिक इच्छा है कि अपने देशवासियोंकी प्रतिष्ठाके अनुकूल कोई स्थायी हल निकालने में सरकारकी सहायता करूँ।[१]

गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरों में अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ५७९५) की फोटो-नकलसे।

६५. तार : मॉरिस अलेक्जेंडरको

[फीनिक्स]
मई २९, १९१३

ऐडवोकेट अलेक्जेंडर

संसद-भवन

केप टाउन

तारके[२] लिए धन्यवाद सिनेटर माइनरको तार[३] दे रहा हूँ। भारतमें विवाहका पंजीयन अनावश्यक, क्योंकि भारतीय विवाह बड़ी निष्ठा और

  1. १. इस तारके उत्तर के लिए देखिए परिशिष्ट ५ (१)।
  2. २. मई २८ के अपने तारमें अलेक्जेंडरने लिखा था : "आपका तार मिला । सिनेटर आइनरसे सलाह की है । आप तारसे उन्हें सूचित करें कि अवांछनीय स्त्रियों के प्रवेशको रोकनेका पंजीयनकी जगह आप क्या उपाय रखेगे । भारत सरकारको प्रार्थनापत्र भेजकर पंजीयनकी व्यवस्था करानेका अनुरोध क्यों नहीं किया जा सकता।
  3. ३. देखिए अगला शीर्षक ।