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पत्र : गृह-सचिवको


ऐसा अर्थ लगाने का प्रयत्न किया जो उनमें निहित ही नहीं है। विवाह-सम्बन्धी परेशानी भी सरकार द्वारा जानबूझकर अपनाई गई शत्रुतापूर्ण नीतिका ही परिणाम है। वह दक्षिण आफ्रिकामें रहनेवाली प्रार्थीकी एकमात्र पत्नीको अपने पतिके पास आनेकी अनुमति देकर अदालतका निर्णय टाल सकती थी। इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि यूरोपीय' समाज सरकार पर जो भी दबाव सकता है, उसके फलस्वरूप मेरी विनम्र सम्मतिमें, एक सर्वनाशको छोड़ दें तो, मेरे समाजपर इससे ज्यादा बड़ा कोई अत्याचार नहीं किया जा सकता। और यदि सत्याग्रह अर्थात् मेरे समाजके आत्मपीड़नके जबावमें ऐसे कदम उठाये जायें कि दक्षिण आफ्रिकामें उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाये, तो मुझे पूरा विश्वास है कि समाज ऐसी बरबादीको अपने गौरव, धर्म भाव और आत्मसम्मानकी बरबादीके मुकाबले कहीं ज्यादा पसन्द करेगा।

आपका

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ५७५५) की फोटो-नकल से।

५५. पत्र: गृह-सचिवको[१]

[फीनिक्स]
मई १९, १९१३

भारतीय विवाहोंकी वैधताके बारेमें लिखे गये मेरे गत माहकी १४ तारीखवाले पत्रके[२]उत्तरमें आपका इसी ९ तारीखका कृपापत्र मिला।

हमारी समझमें मेरी समितिने यह बात स्पष्ट कर दी थी कि उसकी माँगमें बहुपत्नीक विवाहका प्रश्न इसलिए नहीं उठाया गया है। बहुपत्नीक विवाहपर तो स्वयं इस प्रश्नके गुण-दोषोंके आधारपर विचार किया जा सकता है। सर्लके फैसले में तो भारतीय धर्मोंमें विहित विधियोंके अनुसा भारत या दक्षिण आफ्रिकामें सम्पन्न हुए विवाहोंको ही अमान्य कर दिया गया है। मैं माननीय मन्त्री महोदयको सादर सूचित करना चाहता हूँ कि भारतीय धार्मिक संस्कारोंमें बहुपत्नीक विवाहका उल्लेख नहीं आता और सभी भारतीय धर्मोंमें बहुपत्नीक विवाह मान्य भी नहीं है। मेरा संघ केवल इतनी ही माँग करता है कि प्रमुख भारतीय धर्मोके अनुसार भारत या दक्षिण आफ्रिकामें सम्पन्न एक पत्नीक विवाहको सर्लके फैसलेसे पूर्व जो कानूनी मान्यता प्राप्त थी वह यथावत्प्रा प्त रहे। जिस-किसी मामलेमें मेरे किसी देशवासीके एकसे अधिक पत्नियाँ है, अथव'यदि वह एकसे अधिक पत्नी लाता है तो उस मामले में भी सरकारने जिस उदारताका वचन दिया है, तबतक उसी उदारतासे काम लिया जाये जबतक ऐसे विवाहोंको कानूनी मान्यता देनेका उपयुक्त अवसर उत्पन्न नहीं हो जाता।

  1. १. यह पत्र अ० मु० काछलियाके हस्ताक्षरोंसे भेजा गया था।
  2. २. देखिए “ पत्र : गृह-सचिवको", पृष्ठ २५-२६ ।