६०६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय फरवरी ११ : लॉर्ड ऍम्टहिलने लॉर्ड-सभामें गोखलेकी दक्षिण आफ्रिकाकी यात्राके परि- णामके बारेमें प्रश्न पूछा और प्रस्ताव रखा कि कागजात सदन-पटलपर रखे जायें । उपनिवेश उपसचिवने उत्तर दिया कि यात्रा गैर सरकारी थी और उनके पास सदनके सामने रखनेके लिए कोई कागजात नहीं । फरवरी १३ : ब्रि० भा० सं० के अध्यक्षने गृह मन्त्रालयको फिरसे लिखा और जोर दिया कि भारतसे लौटनेवाले भारतीयोंको प्रवेशके बन्दरगाहोंपर अभ्यागत पास दे दिये जायें। फरवरी १४ : गांधीजीने पत्रमें गोखलेको लिखा कि बोथा मन्त्रिमण्डलमें आन्तरिक मत- भेदोंके कारण प्रतिज्ञात विधान पुनः निलम्बित कर दिया जायेगा; यदि ऐसा हुआ तो वे वर्ष के मध्य में भारतके लिए प्रस्थान करनेमें असमर्थ होंगे । मन्त्रीगण अपने दिये गये आश्वासनोंका पालन नहीं कर रहे हैं और प्रवासी अधिनियमको अत्यन्त कठोरताके साथ अमल में लाया जा रहा है । फरवरी २४ : उप-गृह-सचिवने ब्रि० भा० सं० को सूचना दी कि प्रवेशके इच्छुक ट्रान्स- वालके भारतीयोंके लिए बन्दरगाहोंपर किये गये प्रबन्धोंको बदला नहीं जा सकता । फरवरी २८ : एम० ए० गोगाकी परवाना अधिकारीके उस निर्णयके खिलाफ की गई अपील खारिज हुई जो उसने उनके व्यापारिक परवानेको उनके और उनके पुत्रके नाम परिवर्तित करनेके सम्बन्धमें दिया था । मार्च ३ : संघ संसदमें वित्तीय सम्बन्ध विधेयकका जिसमें भूतपूर्व गिरमिटिया भारतीयों- पर से ३ पौंडी कर हटानेका उपबन्ध था, द्वितीय वाचन पारित हुआ । मार्च ४ : ब्रि० भा० सं० ने पुनः गृह-सचिवको लिखा कि बन्दरगाहोंपर उन ट्रान्सवाली भारतीयोंकी कठिनाइयाँ दूर की जायें जो पहलेसे ही पंजीकृत हैं या जो पंजी- यनके अधिकारी हैं । मार्च ८ : दाउद मुहम्मद मध्य पूर्व तथा भारतका दौरा कर दक्षिण आफ्रिका लौटे । मार्च ९ : जोहानिसबर्ग साहित्यिक तथा वाद-विवाद संघकी स्थापना; गांधीजी संरक्षक निर्वाचित । मार्च १४ : केप सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति सर्लने हसन ईसप द्वारा अपनी पत्नी बाई मिरियमके निर्वासनके खिलाफ की गई अपील इस आधारपर खारिज कर दी कि वह हसन ईसपकी वैध पत्नी नहीं है, क्योंकि उसका विवाह मुसलमानी प्रथाके अनुसार हुआ था । मार्च १५ : गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में नाबालिगों तथा पत्नियोंको ट्रान्सवाल प्रवेशके लिए आवश्यक प्रक्रिया तथा साक्ष्यके बारेमें बताया । मार्च २० : एक ट्रान्सवाली सीरियाईने उच्च न्यायालय में अपील की कि हुतर बस्ती में उसके नामपर दो बाड़ोंका पंजीयन किया जाये, क्योंकि सीरियाइयोंको भारतीयों तथा रंगदार लोगोंपर लागू होनेवाले कानूनोंसे विमुक्त रखा गया है; निर्णय सुरक्षित रखा गया । Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६४४
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