पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६४३

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त ६०५ जनवरी १८ : 'इंडियन ओपिनियन' ने गांधीजीके इस निर्णयकी सूचना दी कि यदि अपेक्षित प्रवासी विधेयक संसदके आगामी अधिवेशनमें पास हो जाता है तो वे इस वर्षके मध्य में भारतके लिए प्रस्थान कर देंगे । गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में लिखा कि सरकार ट्रान्सवाल या संघ में अधि- वासके अधिकारी भारतीयोंके सम्बन्धमें दिये गये अपने वचनसे फिर गई हैं और समाज में प्रचण्ड क्षोभ फैलनेकी सम्भावनाकी ओर संकेत किया । जनवरी २४ के पूर्व : एच० एस० एल० पोलक आगजी तथा अमीअप्पनकी पत्नियोंके प्रवेश सम्बन्धमें मुख्य प्रवासी अधिकारीसे मिले । जनवरी २५ के पूर्व : 'स्टार' में गोखलेकी दक्षिण आफ्रिकाकी यात्राके समय बोथा और हर्टसॉंगके बीच मतभेद होनेकी रिपोर्ट प्रकाशित । जनवरी २५ : भूतपूर्व गिरमिटिया भारतीयोंपर से ३ पौंडी कर हटानेके सरकारके निर्णयके सम्बन्ध में 'टाइम्स आफ नेटाल' में रिपोर्ट प्रकाशित । गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में उक्त निर्णयका स्वागत किया । एक दूसरे लेखमें व्यापारिक परवानोंके लिए कानून बनानेका अधिकार प्रान्तीय परिषदोंको दिलानेवाले प्रस्तावित वित्तीय-सम्बन्ध विधेयकपर विचार किया; भारतीयोंसे जबरदस्त विरोध करनेकी अपील की । जनवरी २७ : उप-गृह-सचिवने ब्रि० भा० सं०को सूचना दी कि दयालबन्धुओंपर से मुकदमा उठा लिया जायगा और उनका पंजीयन कर दिया जायेगा । जनवरी ३१ : संघ विधान सभामें टी० थाइनरने शस्त्र तथा गोला-बारूद विधेयकमें रंगभेदका विरोध किया । फरवरी १ : ब्रि० भा० सं०ने गृहमन्त्रीको लिखा कि ट्रान्सवालमें अधिवासका दावा करनेवाले भारतसे लौटे हुए लोगोंको प्रवासी अधिकारी द्वारा बन्दरगाहोंपर अभ्यागत पास जारी कर देने चाहिए । फरवरी ७: वित्त मन्त्रीने संघ-संसदमें बताया कि भारतीयोंपर से तीन पौंडी कर हटानेका प्रश्न अभी विचाराधीन है। गृह-मन्त्रालयने ब्रि० भा० सं० को सूचना दी कि बन्दरगाहोंपर आनेवाले तथा प्रवेशके अधिकारका दावा करनेवाले भारतीयोंके विषयमें सब प्रकारकी पूछताछ प्रवेश वाले बन्दरगाहपर ही होनी चाहिए। फरवरी ८ के पूर्व : एम० ए० कोतवालके नाबालिग पुत्रको अस्थायी अनुपस्थितिके बाद डर्बन लौटते समय अधिवासी प्रमाणपत्रके होते हुए भी जहाजसे उतरनेकी अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उसके पिता नेटालमें नहीं थे । निर्वासनसे बचने के लिए सर्वोच्च न्यायालयसे निषेधाज्ञा लेनी पड़ी । केप टाउन निवासी मौलवी अब्दुल वहीदके नाबालिग पुत्रके 'मार्कग्राफ' जहाजसे डर्बन पहुँचने पर उसे रोक लिया गया और उसी जहाजसे असंरक्षित अवस्था में ही वापस भेज दिया गया । फरवरी ८: गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में प्रवासी अधिकारियोंको दिये गये ताना- शाही अधिकारोंकी आलोचना की । Gandhi Heritage Porta