तारीखवार जीवन-वृत्तान्त ६०१ सायंकाल ८.४५ पर भोज; बीकान्सफील्डके महापौरने अध्यक्षता की; गांधीजीने भाषण दिया । अक्तूबर २७ : कान्स्टेंशिया हॉलमें भारतीयों द्वारा स्वागत । सायंकाल ६ बजे गोखले और गांधीजी द्वारा किम्बर्लेसे प्रस्थान । विंडसर्टन, क्रिस्चियाना तथा ब्लूम हॉफमें मानपत्र भेंट किये गये । इन सभी स्थानोंमें प्रमुख नागरिक उपस्थित रहे । अक्तूबर २८ : क्लार्क्सडॉर्प में विशेष रेलगाड़ी मिली, जिसमें २०० सवारियाँ थी । प्रातः ६.३० बजे एक्सचेंज हॉलमें स्वागत, महापौरने अध्यक्षता की। ब्रिटिश भारतीयों द्वारा शिकायतोंका चिट्ठा भेंट | प्रातः ८.३० बजे पाँचेफस्ट्रम पहुँचे। टाउन गार्डन्स में स्वागत तथा मानपत्र भेंट । सायं २.०० बजे क्रूगर्सडा पहुँचे । स्टेशनपर महापौर द्वारा स्वागत और मानपत्र भेंट | बर्गर्सडॉकी भारतीय बस्ती गये । सायं ४.०० बजे जोहानिसबर्ग पहुँचे। स्टेशनपर महापौर द्वारा स्वागत | ब्रिटिश भारतीय संघ द्वारा भेंट किया गया अभिनन्दन पत्र गांधीजीने पढ़ा, साथ ही जोहानिसबर्ग के हिन्दुओं, हमीदिया इस्लामिया अंजुमन, तमिल कल्याण समिति, पाटीदार संघ, पीटर्सबर्ग तथा डॉकके भारतीयोंने भी मानपत्र भेंट किये। अक्तूबर २९ : जोहानिसबर्ग यूरोपीय समिति द्वारा गोखलेका कार्लटन होटलमें स्वागत । विधान सभा सदस्य पैट्रिक डंकन, विधान सभा सदस्य द्रुमण्ड चॅपलिन तथा विलियम हॉस्केनके भाषण | गोखलेने उत्तर देते हुए दक्षिण आफ्रिका आनेका अपना उद्देश्य बताया । अक्तूबर ३० : केसवेल तथा दूसरे विधानसभा के सदस्यों एवं पुर्तगाली वाणिज्य दूतने गोखलेसे भेंट की । 'ट्रान्सवाल लीडर ' के प्रतिनिधिने गोखले तथा गांधीजी से भेंट ली। गोखलेने पारसी शिष्टमण्डलको भेंट दी। दोपहरके बाद गांधीजी व गोखले विलियम हॉस्केनके मकानपर हुई सभा में सम्मिलित हुए । अक्तूबर ३१ : ब्रिटिश भारतीय संघ द्वारा मैसॉनिक हॉलमें भोज, महापौरने अध्यक्षता की। महापौर एलिस, विलियम हॉस्केन, पैट्रिक डंकन, जे० जे० डोक, एल० डब्ल्यू० रिच, गोखले तथा गांधीजीके भाषण । नवम्बर १ : चीनी-संघ द्वारा गोखलेका सम्मान । पठान - शिष्टमण्डल, ईसपमियाँ-शिष्टमण्डल, हबीब मोटन - शिष्टमण्डल, व्यापारी शिष्टमण्डलको भेंट दी । ट्रान्सवाल महिला संघ द्वारा स्वागत; श्रीमती वॉगल द्वारा मानपत्र भेंट । ड्रिल हॉलमें भारतीयोंकी सभा । नवम्बर २ : गांधीजी व गोखलेका टॉल्स्टॉय फार्मके लिए प्रस्थान । नवम्बर ३ : गांधीजीने गोखलेकी यात्रा तथा उनका भारतके लिए प्रस्तावित प्रस्थानके बारेमें श्रीनिवास शास्त्रीको लिखा । Gandhi Heritage Porta
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