पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६३७

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त ५९९ रतन टाटा द्वारा सत्याग्रह कोषके लिए तीसरी बार २५,००० रु० का दान | बम्बईकी सार्वजनिक सभाने उपनिवेशों में • विशेषकर दक्षिण आफ्रिकामें भार- तीयोंके साथ किये जानेवाले व्यवहारकी निन्दा की। - अगस्त ३ : गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में जर्मिस्टनके भारतीयोंको सलाह दी कि वे नये एशियाई बाजारके लिए चुने गये अस्वास्थ्यकर स्थानपर स्थानान्तरण न करें । शिक्षित व्यक्तियोंके आजीविका उपार्जन करनेके अधिकारके बारेमें गृहमन्त्रीको लिखा; आर० एम० सोढ़ाके लिए व्यापारिक परवानेके सम्बन्धमें निर्णय करनेकी माँग की। अगस्त १० : अ० मु० काछलियाके साथ रूडीपूर्ट तथा क्रूगर्सडॉर्प गये । 'इंडियन ओपिनियन' में लिखते हुए भारतीयोंसे अपील की कि वे गो० कृ० गोखलेके दक्षिण आफ्रिका पहुँचनेपर उनका उपयुक्त स्वागत करनेके लिए एक हो जायें । अगस्त ११ : टॉल्स्टॉय फार्म लौटे । अगस्त १६ : एशियाई पंजीयकने गांधीजीको सूचना दी कि आर० एम० सोढा तथा अन्य विशेष रूपसे [पंजीयनसे ] मुक्त शिक्षित एशियाइयोंको उनके अधिवासको वैध बनानेवाले विधानके पास होने तक व्यापारिक परवाने जारी नहीं किये जा सकते । अगस्त १७ : 'इंडियन ओपिनियन' में लिखते हुए भारतीयोंका ध्यान जोहानिसबर्ग में दूसरी बार चेचक फैलनेकी रिपोर्टकी ओर खींचा और अपील की कि वे बीमारीकी रोकथाम के लिए डा० पोर्टरको सहायता दें। अगस्त २२ : जोहानिसबर्गके थियॉसॉफिकल लॉज में भाषण दिया । 'ट्रान्सवाल लीडर' को दी गई भेंटमें चेचककी रोकथामके लिए रंगदार लोगों को सर्वथा पृथक कर देनेका विरोध किया । अगस्त २५ : गो० कृ० गोखलेके स्वागतका प्रबन्ध करनेके सम्बन्धमें बुलाई गई ब्रि० भा० सं० की बैठक में भाषण दिया; आगाखाँके दक्षिण आफ्रिका तथा पूर्व आफ्रिका आनेके इरादेके बारेमें घोषणा की। अगस्त ३० : कस्तूरबा गांधी तथा अन्योंके साथ डर्बनके लिए प्रस्थान । अगस्त ३१ : डर्बन पहुँचे, फीनिक्सके लिए रवाना हुए। 'इंडियन ओपिनियन' में स्वर्गीय ए० ओ० ह्यमपर लिखा । केप टाउन लौटनेवाले ४ भारतीयोंके मामलेपर टिप्पणी की। उन्हें प्रवेशकी अनुमति नहीं दी गई थी, क्योंकि खराब मौसमके कारण उन्हें लानेवाला जहाज देरसे पहुँचा था । सितम्बर ४ : एच० एस० एल० पोलक तथा श्रीमती पोलक भारतसे डर्बन पहुँचे । सितम्बर ७ : गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में एच० एस० एल० पोलक द्वारा भारत में किये गये कार्यकी सराहना की । सितम्बर १२ : जोहानिसबर्ग मजिस्ट्रेटके न्यायालय में फ्रीडडार्प के बाड़ोंसे रंगदार किराये दारोंको बेदखल करनेके लिए गोरोंको मजबूर करनेकी कार्यवाही प्रारम्भ । Gandhi Heritage Portal