पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६३

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२९
पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको


व्यक्ति भेजने के लिए कहना अधिक अच्छा होगा। यदि बुधवारके दिन कुछ निश्चित हो गया तो मैं श्रीमती सोढाके[१] लिए राहत माँगनेकी बात सोचता हूँ। गुरुवारको यह पत्र तुम्हें मिल जायेगा। इसलिए सम्भव है, मैं कल इस मामले के सम्बन्धमें तुम्हें तार[२] दूं।

हृदयसे तुम्हारा,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरों में मल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५४६८) की फोटो-नकलसे।

३४. पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको

[केप टाउन]
अप्रैल १८, १९११

प्रिय रिच,

मुझे दुःख है कि अभीतक कोई खास खबर नहीं मिली। कल साढ़े दस कब बजता है, इसकी मैं कुछ अधीर होकर प्रतीक्षा कर रहा हूँ। लगता है, फिर निराशा ही हाथ लगेगी। लेन कहेंगे कि अभीतक निश्चित रूपसे वे कुछ नहीं कह सकते । सम्भवतः होगा यह कि स्मट्स ऐन वक्तपर अपने विधेयकको, वह जैसा कुछ है, जल्दीसे पास करा डालेंगे। इसका अर्थ यह है कि वे हमें एक ढाँचा दे देंगे और उनसे उसमें प्राण डलवानका प्रयत्न हमें करना पड़ेगा।

मैंने सोढाकी अपीलके सम्बन्धमें जानकारी मांगी है। यदि ग्रेगरोवस्की नहीं जा सके तो मैं आशा करता हूँ कि तुम कोई अच्छा वकील कर लोगे।

हृदयसे तुम्हारा,
मो० क० गांधी

  1. सत्याग्रही श्री रतनशी सोढाको, एशियाई पंजीयन अधिनियमको स्वीकार न करनेपर, जब जेल दे दी गई तब उन्होंने टोंगाटके पास स्थित अपनी घर-गृहस्थीको उजाड़कर अपने स्त्री-बच्चोंको टॉल्स्टॉय फार्म भेज देनेका निश्चय किया। लेकिन नवम्बर, १९१० में श्रीमती रम्भावाई सोढाको, जब वे गांधीजीके साथ अपने बच्चोंको लेकर ट्रान्सवालकी सीमामें प्रवेश कर रही थीं, निषिद्ध प्रवासी होनेका अपराध लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया; देखिए खण्ड १०, पृष्ठ ३७५ और ३७८-८८ । जनवरी, १९११ में जोहानिसबर्गके एक मजिस्टेटने उन्हें १० पौंड जुर्माने और एक महीनेकी सादी कैदकी सजा दी, लेकिन जब उनके वकीलने कहा कि वे इस निर्गयके विरुद्ध अपील करेंगी तो उन्हें जमानतपर छोड़ दिया गया। बादमें टान्सवालके प्रान्तीय न्यायालयने मजिस्ट्रेटके निर्णयको बदलकर १० पौंड जुर्माने या एक महीनेकी सादी कैदकी सजा दी। ब्लूमफॉन्टीनके न्यायालय में इसीके बाद अपील दायर की गई थी; देखिए खण्ड १०, पृष्ठ ४२०-२४ और ४५५-५६ ।
  2. देखिए “तार : जोहानिसबर्ग कार्यालयको", पृष्ठ ३० । ऐसा लगता है कि १८ तारीखको गांधीजीने रिचके नाम पत्र भेजा था, तार नहीं।