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पत्र: छगनलाल गांधीको


सोता है। तीनों बीमारोंको पहलेसे अच्छा मानता हूँ; फिर भी अभी अनी खतरेके बाहर तो नहीं है ।

अकाल [ कोष ] के आँकड़ों की भूल पकड़में आ गई है। अब मुझे एक बार देख जाना बाकी है। मैं फुर्सत मिलने पर आँकड़े भेजूंगा। पोपटकी चिट्ठी मिली। तुमने जो-जो भेजा था, सब मिल गया है। तुम्हारी चिट्ठी मेरे पास नहीं है, इसलिए तालिकामें क्या-क्या दिया है सो भूल गया हूँ ।

प्रो० गोखलेकी पुस्तक' अच्छी निकले, यह आवश्यक है । हम जो कुछ यहाँ कर रहे हैं, तुम्हें भी वही करनेके लिए कह सकता हूँ । उस कामके लिए शनिवार और रविवारका उपयोग करना। जिसकी इच्छा हो वह मदद करे। यहाँ देवी बहन और भाई कोटवालका अमूल्य सहयोग मिल रहा है। देवी बहन सात बजे काम शुरू करती है और रातके नौ बजेतक करती रहती है । सारा भोजन खुद बनाती है और स्वयं उसे खाने तक की फुरसत नहीं मिलती। भाई कोटवाल सुबह तीन बजे उठकर रोजा रखने वालोंके लिए खाना पकाते हैं । इन दिनों जैकीकी तबीयत भी बहुत अच्छी हो गई है । इसलिए वह भी बहुत मदद करती है। तुम सबने मिलकर जमनादासकी तबीयत बिगाड़ डाली है, इसलिए वह इच्छा होते हुए भी पूरा काम नहीं कर सकता । उसे कुछ-न-कुछ लगा ही रहता है । वहाँ उसने खाने में हर तरहकी छूट ले ली थी और तुम सबने बड़ा प्रेम जाहिर करके दे दी थी । उसीका परिणाम भोग रहा है । वह खुद भी ऐसा मानता है । क्या-क्या छूटे ली थीं, उनका वर्णन भी उसीने किया है। वहाँ सितम्बर में मेरा आना सम्भव दिखता है।

मोहनदासके आशीर्वाद

[ पुनश्च : ]

देवी बहनकी मदद मुझे मिलती है, किन्तु उससे काम कम नहीं हुआ है। मुझे तो सँभाल करनी ही पड़ती है, क्योंकि बा का भय बना रहता है । उसे आदत पड़ जायेगी तब मुझे कुछ राहत मिलेगी । फिर भी आँकड़े भेजने की बात तो मेरे जिम्मे ही है । उसके साथ देवी बनके कागज भी भेजूंगा ।

लल्लूभाईको तो अपनी पुस्तकसे कमाई करना है। ठीक है, करें । [ मगर ] तुमने उसका विज्ञापन अखबारके समाचार स्तम्भमें क्यों दिया ?

हिन्दू सम्मेलन (कान्फ्रेन्स) की कोई बात हमें | अपने ] अखबारमें नहीं देनी है, यह याद रखना । उनका विज्ञापन आये तो वह भी नहीं । वह सब निरा ढोंग और प्रदर्शनबाजी है, यह तो तुमने देख लिया होगा ।


१.दि ऑनरेबल मि० गोखले ऐंड दि इंडेंचर सिस्टम (माननीय श्री गोखले और गिर-मिटिया प्रथा ); इस पुस्तिकामें गोखलेके सार्वजनिक जीवनका संक्षिप्त विवरण और कलकत्तामें, वाइसरॉय की लेजिस्लेटिव कौंसिलमें उनके द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावपर हुए वाद-विवादकी पूरी रिपोर्ट दी गई थी। श्री गोखले दक्षिण आफ्रिका आनेवाले थे और फीनिक्स संस्था उनके आगमनके अवसरपर उनके सम्मानमें उसे प्रकाशित करनेवाली थी ।