व्यवहारके बारेमें निर्वासितोंका मापदण्ड स्वीकार कर लें और दूसरे, भारतीय समाजकी न्यायोचित माँगें पूरी करके इस दुःखजनक लड़ाईको समाप्त किया जाये ।
आपका
मो० क० गांधी
रैंड डेली मेल, ९-८-१९१०
२५०. श्री रिचका आगमन स्थगित
अखबारोंमें समाचार छपा था कि श्री रिच शीघ्र ही दक्षिण आफ्रिका आ रहे हैं और अपने साथ सत्याग्रहियोंके लिए सहानुभूति और प्रोत्साहनका सन्देश ला रहे हैं। उन्होंने इंग्लैण्डमें बड़े ही परिश्रम और योग्यताके साथ प्रभावशाली कार्य किया है। इसलिए यहाँ तदनुरूप स्वागतकी तैयारियां शुरू हो गई थीं। परन्तु जैसा कि हमारा ट्रान्सवालका संवाददाता सूचित करता है, श्रीमती रिचके ऑपरेशनके कारण श्री रिचका आगमन एकाएक स्थगित हो गया है। पाठकोंको याद होगा कि श्रीमती रिच अभी-अभी एक खतरनाक बीमारीसे उठी हैं, जिसमें उन्हें कई ऑपरेशन कराने पड़े थे। इस विपदामें समस्त दक्षिण आफ्रिकामें बसनेवाले भारतीयोंकी सहानुभूति श्री और श्रीमती रिचके साथ है। हम आशा करते हैं कि श्रीमती रिचका यह नया ऑपरेशन सफल होगा और वे अच्छी हो जायेंगी। इस परिवारके जो मित्र यह जानते हैं कि श्रीमती रिच बड़ी साहसी महिला हैं और उनमें अपना खोया स्वास्थ्य पुनः प्राप्त करनेकी आश्चर्यजनक शक्ति है, उन्हें भरोसा है कि श्रीमती रिच इस संकटको पार कर जायेंगी, और उन बच्चोंका स्नेहपूर्ण संरक्षण करते हुए बहुत वर्ष जीवित रहेंगी जिनके लिए वे जी रही हैं और जो परस्पर एक दूसरेको जी-जानसे चाहते हैं ।
इंडियन ओपिनियन, १३-८-१९१०