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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


यह उदात्ततर जाति (अर्थात्, प्राचीन आर्य) आर्य या इण्डो-जर्मनिक मूल-वंशकी थी, जिससे कि ब्राह्मण, राजपूत और अंग्रेज एक समान पैदा हुए हैं। इतिहास इसका प्राचीनतम निवासस्थान मध्य एशिया बताता है। उस सामान्य शिविर-स्थलसे कुछ शाखाएँ पूर्वको ओर चली, कुछ पश्चिमकी ओर। एक पश्चिमी शाखाने पर्शियाका साम्राज्य स्थापित किया, दूसरी एथेन्स और लेसीडीमोनका साम्राज्य स्थापित करके हेलेनिक राष्ट्रके रूपमें परिणत हो गई। तीसरी इटली पहुँची और उसने "सात पहाड़ोंका नगर" बसाया, जो शाही रोमके नामसे समृद्ध हुआ। उसी जातिके एक सुदूर उपनिवेशने स्पेनकी प्रागैतिहासिक चाँदीको खानोंका खनन किया। और जब हम प्राचीन इंग्लैंडकी पहली झलक पाते हैं तो हमें एक आर्य उपनिवेशके दर्शन होते हैं, और हम उसके निवासियोंको नरकुलकी डोंगियोंपर मछलियाँ पकड़ते और कॉर्नवाल को टीनकी खानोंका खनन करते हुए देखते हैं।
यूनानियों और रोमनोंके, अंग्रेज और हिन्दुओंके पूर्वज एक साथ एशियामें रहते थे, एक ही भाषा बोलते थे और एक-से ही देवताओंकी ही पूजा करते थे।
यूरोप और भारत के प्राचीन धर्मीका मूल एक जैसा ही था।

इस प्रकार आप देखेंगे कि इस विद्वान इतिहासज्ञने बिना किसी शंका अथवा किन्तु परन्तुके उपर्युक्त मन्तव्य व्यक्त किया है। उसने तमाम प्रामाणिक ग्रंथोंका अध्ययन किया ही होगा। इसलिए अगर मैं कोई भूल भी कर रहा हूँ तो वह भूल अधिक अच्छे व्यक्तियोंने भी की है। और यह विश्वास, गलत हो या सही, उन लोगोंकी प्रवृत्तियोंके आधारका काम करता है, जो दोनों जातियोंके हृदयोंको जोड़नेका प्रयत्न कर रहे हैं, जो कानूनी और बाह्य रूपमें तो एक झंडेके नीचे परस्पर एकसूत्रसे बँधी हुई हैं ही।

उपनिवेशमें सामान्यतः यह विश्वास फैला हुआ दीखता है कि अगर भारतीय बेहतर लोग हों भी तो वे बर्बरों या आफ्रिकाके वतनी लोगोंसे बेहतर नहीं हैं। बच्चों तकको ऐसा ही विश्वास करना सिखाया जाता है। परिणाम यह है कि भारतीयोंको निरे काफिरों[१] के दर्जेकी ओर नीचे ढकेला जा रहा है।

मेरा पक्का विश्वास है कि उपनिवेशका ईसाई विधानमण्डल जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा होने और कायम रहने नहीं देगा। इसी भरोसेपर मैं निम्नलिखित विपुल उद्धरण दे रहा हूँ, जिनसे एकदम मालूम हो जायेगा कि हम औद्योगिक, बौद्धिक, राजनैतिक आदि जीवनके विभिन्न अंगोंमें उनके ऐंग्लो-सैक्सन भाइयोंसे — अगर मैं इस शब्दका उपयोग कर सकूँ तो — किसी कदर कम नहीं हैं।

जहाँतक भारतीय दर्शन और धर्मका सम्बन्ध है, 'इंडियन एम्पायर' के विद्वान लेखकने सार-रूप में यह कहा है:

 
  1. १. एक दक्षिण आफ्रिकी जाति; मोटे तौरपर दक्षिण आफ्रिकाके मूल निवासियों के लिए भी प्रयुक्त।