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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


यदि आप महीने में दो बार बाल कटवायें, तो ८ पेंस लगेंगे इसलिए बाल कटवानेके लिए प्रति सप्ताह २ पेंस बचा लें। दाढ़ी तो खुद ही बनानी होगी।

पियर्स साबुनकी एक टिकिया महीना भर चलेगी। इसके दाम हैं ३३ पेंस। इसलिए आप साबुनके लिए प्रति सप्ताह १ पेंस निकाल लें।

हर सप्ताह् दन्त-मंजनके लिए एक पेनी रखें। वैसे यह थोड़ी फिजूलखर्ची है। आप खड़िया मिट्टीसे बहुत अच्छा और निर्दोष मंजन बना सकते हैं। ४ औंस खड़िया मिट्टी ६ पेंसमें मिल जाती है। एक औंस मिट्टी एक सप्ताहके बजाय लगभग एक महीना चलेगी।

खर्चकी एक बहुत बड़ी मद है; उसे भूलना नहीं चाहिए। सर्दीके दिनोंमें यदि आप दिनके समय कमरेमें रहें तो आपको अँगीठी जलानी पड़ेगी। जो विद्यार्थी हैं और पुस्तकालयमें काम करने जाते हैं उनका ज्यादा खर्च नहीं होता। लेकिन दूसरोंको प्रति सप्ताह लगभग दो शिलिंग खर्च करने पड़ते हैं। दो शिलिंगमें ४ तसले कोयला मिल जाता है। लेकिन साधारणतया अप्रैलसे सितम्बरतक अँगीठीकी जरूरत नहीं पड़ती। हम कोयलेका औसतन खर्च प्रति सप्ताह १ शिलिंग लगा सकते हैं।

इतना हुआ प्रति सप्ताहका अतिरिक्त खर्च । इसका कुल हिसाब यों लगा सकते हैं।

पेंस
धोबी ११
स्नान
आना-जाना
डाक टिकट, आदि
बाल कटवाई
साबुन
मंजन
कोयला १२
अतिरिक्त
 
कुल ४ शि° - ० पें°

कमरेका किराया ७ शिलिंग देनेपर और ४ शिलिंग ऊपरी खर्चके निकाल देनेके बाद भोजनके लिए ९ शिलिंग बचते हैं। यहाँ यह कह दूं कि जब कभी जरूरत हो तो इन ११ शिलिंग में से भी कुछ बचाया जा सकता है, और बचे हुए पैसे भोजन या पुस्तकों तथा दूसरी उपयोगी चीजोंमें खर्च किये जा सकते हैं। उदाहरण-के लिए डाक टिकटोंके लिए रखे गये ६ पेंसोंमें से एकाध पैनी ही खर्च की जाये। मैं सोचता हूँ कि घर पोस्टकार्ड लिख भेजने के लिए तो एक पैनी खर्च करना जरूरी होगा। यदि रोज स्पंजसे शरीर पोंछते हों तो सार्वजनिक स्नानगृहमें हर सप्ताह