पृष्ठ:सम्पत्ति-शास्त्र.pdf/२५६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गि की किया करता हुन योगद देने वम भी प्रापस में पहला सदन पर टने वामाना हीजिए. कलकर को दलान के पास स्याग की पियां लन्दन पर जमा पो गई पार रतनी लगन दलाल के पास कल- कानं पर। प्राय प्रापन में मपनी मपनी तुंडियां बदल लेंगे पार, अपने मापने वश में नडिया टिगनेवालों ने गाया बमल कर, ग्लेंगे। बदले के लिए अगुतमी टुरिगं के जमा पर जाने को कोई नहीं दी एफ दियो फा मां बदलामकना न ना की टुडियां का भी गदन पार इमने बहुन लाभ उठाने हैं। पर व्यापारियों की टुरिया के इस प्रदला बदल में जो लाभांना पार बैंक के लाभ की अपेक्षा बाहुन अधिक एक तरीका परसा जिसमे मद म्पया दियं विनादी व्यापारी आदमी पएन दामे शयने का भुगतान पर मरने हैं । उसका नाम गाता है । यात के बार में माद रपये को मिलकर जनरल ना पड़नी । रामनाथ राम- प्रमाद टी का कारोबार करना है घार शिवनाथ शिवप्रसाद कोयले फा। पाने में कुल पये का कोयला दिया पार इस में पहले से ५०० का दोहा । दोमा न नराद गाया ही देन , न हंडीही परत । शिधनाथ शिवप्रसाद ५०० रूपय गमनाथ गमप्रसाद के नाम दिपना है. पार रामनाथ गमम साद ५०० गये शिवनाथ शिवप्रसाद नाम । दोनों देने है कि ने एक दूसरे का ५०० रूप देना है। अनपर दोनों परस्पर जमा-पर्च मिला लेने है न उन्माद देना पड़ता है, न स्टेना । इस तरह के हिसाब में भी पापार-व्यवसाय में बड़ा लुभाना होता है। पर गाने के हिसाब में अंक से जर्गकार पखने की जरुरत नहीं पड़ती। इस तरह के व्यवहार से बैंक की कुल भी फायदा उठाने का मौका नहीं मिलता। ऊपर एक जगह "क" सन्द पाया है 1 प्रेक का अर्थ हुकमनामा या दर्शनी चिट्टी। जिस आदमी पापया जिस बैंक में जमा रहता यह उस पर चैक लि.गाना है । चक देपन के साथदी बैंक गपया देदेता है। इन चकी की भी अदला बदल होनी है। इनसे भी व्यापार में बहुन मुभीता जाता कल्पना कीजिए फि देवदत्त का माया बंगाल अंक में जमा पार राम- दन का प्रलाहाबाद बैंक में । देवदत्त ने रामदत्त से प्रकार का फा माल बगीदा पार उतने का नेक बंगाल बैंक पर लिख कर रामदत्त या देदिया। रामदत्त रस चेक का रुपया लेने के लिए बंगाल बैंक में न जायगा । घर उस