पृष्ठ:समाजवाद पूंजीवाद.djvu/१०९

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१०२ समाजवाद : पूंजीवाद उनको खर्च करने के नये तरीके ढूंढ़ने पड़ेंगे ताकि नया अतिरिक्त भोजन खराब न हो जाय । उसे भूखे श्रादमियों को बुलाकर फिर कुछ-न-कुछ काम देना पड़ेगा । वह उनको सड़क के किनारे-किनारे नये मकान बनाने के काम पर लगा सकता है, मकान बन जाने पर वह इस सड़क को स्थानीय अधिकारियों को सौंप सकता है जो उसे सार्वजनिक सड़क के तौर पर कर-दाताओं के पैसे से कायम रक्खेंगे। फिर भी वह मकानों को किराये पर उठाकर पहिले से भी अधिक अतिरिक्त रुपया प्राप्त करके नज़दीक-से-नज़दीक कस्बे तक एक मोटर-लारी चला सकता है, ताकि उसके किरायेदार वहाँ जाकर काम कर सकें और मज़दूर रह सकें। वह उनके मकानों को प्रकाशित करने के लिये बिजली का छोटा कारखाना खोल सकता है, वह अपनी कोठी को होटल बना सकता है या उसको भूमिसात करके वाग़ में और उसके घेरे में नये मकान धीर सड़कें बनवा सकता है । भूखे श्रादमी उसका यह सब काम कर देंगे। उसको केवल इतना काम करना पड़ेगा कि वह उनको समय-समय पर आवश्यक आज्ञायें दे दिया करे और उनको अपने अतिरिक्त भोजन पर निर्वाह करने दे। ___ यदि वह इतनी व्यावसायिक योग्यता नहीं रखता है तो श्रावश्यक योग्यता के भूखे स्त्री-पुरुष उसके पास खुद पाजायेंगे और प्रस्ताव करेंगे कि 'हम आपकी जागीर की उन्नति करेंगे और आपको ज़मीन और पूजी का उपयोग करने के एवज में साल में थापको इतना रुपया देंगे।' वे सय शर्ते उसके कानूनी सलाहकार के साथ तय कर लेंगे। यह भी हो सकता है कि उसको अपने हस्ताक्षर करने के अतिरिक्त अपनी छोटी अंगुली भी न हिलानी पड़े । व्यावसायिक भाषा में वह अपनी जागीर की उन्नति करने में अपनी पूजी लगा सकता है। ऐसा ही सारे देश में भी हो सकता है। जो लोग अपनी-अपनी हैसियत के अनुसार हिस्से ख़रीदने को तैयार हों ऐसे लोगों से देश में सर्वत्र बचे हुए रुपये की लाखों छोटी-बड़ी रक्रमें इकट्ठी करके बड़ी-बड़ी कम्पनियां भूखे लोगों से वे खाने खुदवा सकती है जो समुद्र के नीचे