पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२५८

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( २३१ ) श्रोर न देख कर कांग्रेस की ओर देखती है । यह एक बहुत ही अर्थपूर्ण तथ्य है और इससे हमारे सैनिकों की राजनीतिक प्रौढ़ना का पता चलता है । एक मैनिक सच्चे योधा का सम्मान करता है, और जो केवल खांडा खटकाते रहते हैं, उनसे घृणा करता है । विद्यार्थी आन्दोलन की बढ़ती हुई शक्ति में भी राष्ट्रीय संघर्ष का प्रतिविम्ब मिलता है । इस प्रकार संघर्ण ने, हमें सब ओर अच्छे मुनाफे दिये है । सब तरफ कांग्रेस के लिए अभूतपूर्व उत्साह है और 'जयहिन्द' के नाद से सम्पूर्ण देश प्रतियनित हो रहा है । 'भारत छोड़ो' हमारा युद्ध नारा बन गया है और अगस्त संघर्ष का उदा. हरण बार २ हमारे स्वतन्त्र होने के संकल्प के प्रमाणस्वरूप प्रस्तुन किया जाता है। परन्तु लड़ाई अभी जीती जानी है। प्रथम दौर में हम असफल रहे । परन्तु समय याने पर हमें फिर धावा करना चाहिये । हम जानते हैं कि ब्रिटिश सरकार युद्ध से मध्यम श्रेणी की शक्ति बन कर निकली है । हम यह भी नहीं जानते हैं कि उसे ससार में सब स्थानों पर भारी कटिनाइयों का सामना करना है। परन्तु हम इस तथ्य की ओर से प्रास्त्र वन्द नहीं कर सकते कि सामाज्यवाद के पास अपने आपको बनाये रखने के अनेक हथकंडे हैं । हमें उसे उसके सिंहासन से च्युत करना है | हम जानते है कि कठिन और बुद्धिपूर्ण कार्य के बिना हम सफल नहीं हो सकते । हमें निश्चित होकर नहीं बैठना है । संघर्ष के बिना आज तक किसी भी राष्ट्र को स्वाधीनता नहीं मिली है। ब्रिटेन के सामाज्यवादी मनसूबे हमसे छिपे नहीं हैं । इंडो चीन और इंडोनेशिया में डच और फ्रांसीसी निरंकुशता को बनाये रखने के उसके प्रयास साफ २ सिद्ध करते हैं कि वह अपने अधीन देशों पर अपना प्रभुत्व जमाये रखना चाहता