पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१३९

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हैसियत से नहीं बोल रहा हूँ। मैं तो इस बात के कांग्रेस संगठन के प्रधान की हैसियत से उन हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की ओर से बोल रहा है जो सम्पूर्ण प्रान्त में बिखरे हुए हैं । मैं उन लाखों भारतीयों की ओर से भी बोल रहा हूँ जो इस प्रान्त में निवास करने है और जिन्होंने पिछले चुनावों में कांग्रेसियों के पक्ष में वोट देकर हममें विश्वास प्रकट किया और साथ ही हमें धारासभा में उस नीति और कार्यक्रम पर चलने का आदेश दिया जो कांग्रेस के निर्वाचन घोषणा-पत्र में बताये गये थे। श्रीमान् मैं इस ममा से असंख्यकों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि उनके साथ न्याय और निष्पन्ता का व्यवहार करना हमारा विशेष कर्तव्य होगा। कांग्रेस पार्टी इस बात का विशेष प्रयत्न करेगी कि उन्हें प्रत्येक विचाराधीन विषय पर बोलने का और अपने असन्तोष और अभाव-अभियांगों को व्यक्त करने का पूरा अवसर मिले और गवर्नमेन्ट से जो द मालूम करना चाहे वह उन्हें बताया जाय । मैं आशा करता हूँ कि अाप इस कार्य में सदैव हमारी सहायना करेंगे और मैं उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहता है कि इस मामले में आपको सदैव हमारा महयोग प्राप्त होगा परन्तु एक महत्वपूर्ण बात ऐसी है जिनकी और मैं आपका ध्यान श्रापित करना चाहूंगा । वह बात सभा के माननाय नेता द्वारा श्रापके सामने पहिले ही रखी जा चुकी है और श्रीमान् मैं समझता हूँ कि जिस पार्टी का यदस्य होने का गौरव मुझे प्राप्त है उसकी यह सर्वसम्मत चाह है कि श्राप पश्चिमी विदेशी जनतन्त्र की परम्पराओं से अपने आपको सीमित और वद्ध न करलें ! मैं मुस्लिम लीग पार्टी के माननीय नेता के इस कथन से पूर्णतः महमत हूँ कि आपको अध्यक्ष पद को एक नवीन व्याख्या करके नई परम्परा और नई नीति का इस सभा में श्रीगणेश