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समर-यात्रा
 


तुम ऊब जाओंगे। फूलों की इतनी वर्षा होगी कि तुम उसके नीचे दब जाओंगे ! गले में इतने हार पड़ेंगे कि तुम गरदन सीधी न कर सकोगे।.

कानूनी-(उत्सुकता को छिपाकर ) कोई मज़ाक की बात होगी। देखो मिन्नी, काम करनेवाले आदमी के लिए इससे बड़ी दूसरी बाधा नहीं है कि घरवाले उसके काम की निन्दा करते हों। मैं तुम्हारे इस व्यवहार से निराश हो जाता हूँ।

मिसेज़-तलाक का कानून तो बनाने जा रहे हो, अब क्या डर है।

कानूनी-फिर वही मज़ाक। मैं चाहता हूँ, तुम इन प्रश्नों पर गम्मीर विचार करो

मिसेज़---मैं बहुत गम्भीर विचार करती हूँ। सच मानो । मुझे इसका दुःख है कि तुम मेरे भावों को नहीं समझते। मैं इस वक्त तुमसे जो बात कहने जा रही हूँ, उसे मैं देश की उन्नति के लिए आवश्यक ही नहीं, पर आवश्यक समझती हूँ। मुझे इसका पक्का विश्वास है।

कानूनी-पूछने की हिम्मत तो नहीं पड़ती (अपनी झेप मिटाने के लिए हँसता है।)

मिसेज़ -- मैं तो खुद ही कहने आई हूँ। हमारा वैवाहिक जीवन कितना लजास्पद है, तुम खूब जानते हो। रात-दिन रगड़ा-झगड़ा मचा रहता है। कहीं पुरुष स्त्री पर हाथ साफ करता है, कहीं स्त्री पुरुष की मूछों के बाल नोचतो है। हमेशा एक-न-एक गुल खिला ही करता है। कहीं एक मुँह फुलाये बैठा है, कहीं दूसरा घर छोड़कर भाग जाने की धमकी दे रहा है। कारण जानते हो क्या है ? कभी सोचा है ? पुरुषों की रसिकता और कृपणता ! यही दोनों ऐब मनुष्यों के जीवन को नरक तुल्य बनाये हुए हैं। जिधर देखो अशान्ति है, विद्रोह है, बाधा है। साल में लाखों हत्याएँ इन्हीं बुराइयों के कारण हो जाती हैं, लाखों स्त्रियाँ पतित हो जाती हैं, पुरुष मद्यसेवन करने लगते हैं । बोलो, यह बात है या नहीं?

क़ानूनी -- बहुत-सी बुराइयां ऐसी हैं जिन्हें कानून नहीं रोक सकता।

मिसेज़ --(कहकहा मारकर ) अच्छा, क्या आप भी कानून की अक्षमता