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बडे घर की बेटी
 


ईश्वरके दर्बारमें उत्तरदाता हूँ उसके साथ ऐसा घोर अन्याय और पशुवत व्यवहार मुझे असह्य है। आप सच मानिये, मेरे लिये यही कुछ कम नहीं है कि लालबिहारीको कुछ दंड नहीं देता।

अब बेनीमाधव सिंह भी गरमाये। ऐसी बाते और न सुन सके। बोले, लालबिहारी तुम्हारा भाई है, उससे जब कभी भूल हो उसके कान पकड़ो। लेकिन––

श्रीकण्ठ––लालबिहारीको मैं अपना भाई नहीं समझता।

बेनीमाधव सिंह––स्रीके पीछे?

श्रीकण्ठ––जी नहीं, उसकी क्रूरता और अविवेकके कारण।