पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/८७६

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गन्न-माँसा, माहो मा मोना VE Fप, स्कोर - निखालस्वामिनिममीक्य -१५/१५,१।१०। सर १mi, म.!२२, परस 1 [म पर रोमन)1 चोट पचास, मनि पारसग एक ला, बीष नित्याया। पामारी, शमा मकवा, ताना। म्वविदपनी मामात्रया-- र १५ स्माना, कोड, रोष, समाचार करना, मग करना, मिट्टी पुम्मा, नियममाम्बा पाण सध्याना। निमम्बा हि बन -१५4tail सागर नम्बट मुबाना, पाना जग्गा मा. पर हात गमाना, अति आय) और को) को पटाने होना. उपबमा-सरसवाल - पालिit. चिमिसा। ममरा-44... म पति सर पत्र ! भू. TE) [w.+का] 'नमा हु. मंति -पाई अामा, निम्भव होला, मान' हमा गाउमा बा अला. पर बसना, उषन होना पकना, म Sargमा कहि को पाना, विमिर नः बाई को) सम्म होता और पति ने, सामिा बम, बुनका विकीन रहलास-7) I आन, पापा ममाना, मुग में Trarura बिवित, मात, नाक बीज) बसेका ? नाना, उन्नत करना ३ मपनः. साविक बाबतपदा काय मा एमांवर मला, देखरेख मेला, एगमसूतरोपवाधिव गणः २१६. (म्हो मम कर बम .irr करना. मटन करना संवपण, परपराशनका. मतिः बमाना पाका. (हमति माने वा पई, सिंग योमिक पा निरंका, की इच्छा मरला. मि. ना. नार होन: -मुनिकता समान। वापर नाम सवारी की .utta मार मिश्र उत्रा हुमा म बाबा. विमा सु १४४, निरीषन किमाना। पर-नीर नानः, उतरला समानीम+लिन ] ! बाग पानी बार होना, पर सेना प्रमाणे नगा, 2.वयम दक्मि, सं. मग पूर्वक प. पात्रे मुह मानतार विश्व प्रकार के होते है. मरियानमा पा :RAT बनामस्तिनदगान -भिमा परम्परा, प्रभा. परपणात रिमा। सरवता, पांगमा काना. गुलामा मात्र समानत के -मामार नितीनो, या किस सार पर ना मगर मार न माना. पत्रोलामाल RIT मरधारय मापका. ना मन्दिाषावामा में होगा - I मा प्रथमता, मम पपक्रिन होता. अना जना, वर्षापा, नलित काना वा, पोरवा भारोनि बना (चर) प्रभागाचे कोपं व प्रमोनाराम प्रत्वचा भाला व सना- बार्य भर पॉपना गि- 34+ - कानि-न. 1 माना, मना, बारत होला पानी मलाप पर कर लपत्र पर माला, मिष परोहति पन. ५.k t:14 मर०) व काना हक्मान मित इसा --रीय मा. मानि ) मना. म. ना. म. 11 म स्याना, धान yie 'T कार, 20 रा, बर पाजाम करता, बान' 54 करना. विनारसमा.स (वि.) (समात के अन्त ) हए. हमा परीक्षा करया, मालेगक कामानिक बमा । पत्र, मेमा कि फोका यो रना f...किमिद करना,रविना । परकर.' क. शो म पास. माशी. काम माया मम मा । गत लिप वान्न का पुमानिकपुर - वि.) +1 पदः, होर, (म्प का Sinमो का पार कन्च मादि) जो धुम हो.मा-सवर वाचन गावलोम पृश्य... F.Me पा (मोदिको बीमारी में एक)-अमुधि । (सार) सारवास, नि, नत्र मानिया ना -का दुमित, मेला - ar ॥५ काल, पल.सा. हरि हरि र मधियानो मायहां की मनन