पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/८०९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

ut भामर ||4.111.जी) [ल+पिपस्पिद : क्मिर मुनिको एचिन्शापर मं चूर का नाका गान *कामदेव गोपमन मला मष्टा ताना मा. उचठ, नए । नतः सन्या आतला. PR 04_म्मा मिली. सीतमा HTA देना। सता याला. मम मांपों का मानीमा पिपायर नगरेमा पे । । उखान। मा) मो.-]. नाव ( भावर ' नाम रवि० [मापत्र JAANI M बी. की कमर - . मानकर || और में RY. नाबा) पदाव: बाम | प्रग मानि. मपाका सिमानामा मानत Jaipari जुगना-प्रतिमाग मनाया -बर मार निमा मागा, जिनका ff: mro पनागेचच कामको एक फुल एम बार पन् नि: 4.1 पाव नाली 2. सबमिर खानी बाप्प पाIs [म । वृज | पा राजमा: Pani मासी । मः । मदा नरम नरोप | पाएमाथायमर कब स्तिका माा का फल । दिप पानी का नाम माधुरी मिर-22)1. दापमंदार M! मह+ | फह की हिनी सका। सपने नल पर माधुरी का भात ॥ माम् । समानरल ना मोर मामेव का विषंगण, --बापामामामामरमाधुरीमभरपा पात्रा गिरी पल गाण का पता रिपोषण । ४२. Iो शराब । मा : मोरगुल भोर ममदेम ना बिगवणः । माम[मपुर मग टिम, समाजाम-- भाव- मानNिo) | । म बिलाप सोनाव होतम. पू .: - TIME पर -1-मको नए पापा गौव, सरह सौप किमान पतनो- 7 माना उना मा 34 पद मला (कांना में मिल पामर के काम में सनम बने ना. अनुसार) काल काम्दो पाये जाने वाले तीन गणमापयांप वपनाउने उन सप-1. कामो में तमाममयो हादो । पारतं पा र मानि मानब 1 कपनका मांबांमचार-41. काय दो। - नमसमर गई मुर रूप माया कु. राम ( मानी सप्यपी । १६८ यापनामिमीन सपा क्षयान | माविक मोदन-बाबो गतिा एक 1+ine मार माकम्प ममाममानित माचापम मुस्लपर को एक साता विमस्य १५10+नकी म पाराम का पसरण मान्यर्विन करे। मार मार का नाम) ERE: HT[मयम । भन्। मम्पको गपत्र का पुत्र एका पता: भाग मोर म मा जीप, मभान पर। रापनप भई माई , नागे सो मापन है. मा. मति पनि मा पहन लादी ताकत ही शील) [RA+दुल हफा) मनमा पपल मा. का मजमपूर्णमा की रचना का म माया है। ऐसा माना जाना है कि जापन माया मापान [पबम मम वा] और बाधा रानी ने किया मनुका स्प से बरो मेदों 1. निमवसाला समानता नाम- पर माय लिखा निम्मतिकाबारपालको पाया। मक मार्गमम्ममिलन स, स्मात मामा पनि मौत उस मम्मोकामा बीकापस करना । वैग याममा - श्री=मी २० को मनोनी[मण+] वर्षा कागेन । पोर में सबमला। भावामपरमपरकीमपोकीमच मा बि.(elem +45] मर, भीम, मान नार्षिक पाहा. सम्म याची ना । समान मामा का अनुमामी को सारिका परिनतमलित सीवा।। एक प्रकार की मसको मन में मारी मानी म+11 सदगुमनाम गठवमानमा नपुर्णन निमक या मा एक प्रकारका पेमतो गया भार मच बी पूर्व एक फूलों में अली।