पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५५

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मग..] रोग प्रमान पा सोब++लिए+भा बामका-- हाती परिस्थिति पा-गोबरे की बारित नत! त्यामज्ञान वामगर भूल HARI एकरके गित सी बी मा मानला. बार में या बा MARHI मा कानः मोर जुष्टात , पर विसरमा [अध्यापन के पूर्व)। हो पा विधायक मापेमारण-बानो मामान्य मानविय (बार निपपमान नहीं हो पाता--मा म मिम मांगों का अभिनय सम्ममा ग्रवाल मुलाना [4+ Ho+मसरून, अमानत+11 पाक्सि में मिली । असिन बार 20.) विमों काई अगामि- Hom.बारिमापा पाया। अग्नना याचना। वामन द भाब, निकट होग[वकर अनुमायो, मेक-प्रसार मगीमा | mrat-Jउपम्कि नही, प्रमूरोप संगवामा int म मशकमा+1-म+] एक मत गनियों अनु.] | सुप ! मासिन : 1 मर. जागा ना की भूमि परंयाममनुगम. हाय बावमपोग्गर । -काम्ब० परिभाषा कौराहतो. अनुमान...] बिन पाटनही एक मा०६-३८ दौरामा सका। अपनाकीना () अनुवा6िTHERE अनुमा विवाहमा, वामन नरेन। हमा, मनुराग, स स्वम्म बन्ने समाज पिनासमरांगर । बचनः १.अगरटनम् । माम गिन-वम.] 1 अपन, कसम. मात्र, मनुजा पर समन्वय पामक . गमणमा (बाबा परापा, मे मा मांग में माताप, अंनी शनमा-माम बस्या निर. "मा मनाई गईं है। कानुनम् - और', भामर : कामुकमाः ममा अ. पा | कामपा पीपी अपवस्व सपो में निगपर :- स्प .:Sam ग गली का मालाप रे । म.फल (गम बा भएपरासयोजना, योजन, भागनमय भए । TH. म्ह भाग.. कारण . मग परिणाम वेग सो बसावा. मात्र गा। बरामगोवा वरपाल पातयेत् -अनु. १५ अपुनः[अनुवायो । बोला, मी नाशिक (हास Halfvitnes.मा. पुस्त माल मम् (मा.)तकार PR काना, कालानपू-बनिया प्रमाणिती- ' नियम बना है, 'मा. मोना लिसाडो- SM पुझिारो प्रका म.', क * Anar निबटप, पाय भिम मिना ! यसनिन 10. अमुनमः। पागा, -- Man water+का ] मका, पपण, . गली गार। सिमा आदि। infra) विभिनणात सहि ! भान सिमानुष+ne ( माम समाना पर का नकम, पा, प्रमाण, परि- म:04 van शोपीस बाल नामी, मनमनमा नलि पुतलवायुमको गमभी माम+1+ र मरिहों काम माता mai tyat prMal मस्व. टोह मनाना । पर पानानुदिना सो पा, पाप-भात मुख बात। ऐनमा सामेल बापासम्म ठिानबम+बाबुमम; -आतरिक्त बोल, भाति । मान लिए (A)