पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३५९

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1) पाल्पक -भूल गया, मगोचवेता-न नटा व विटा के पायो कप के सभी बाबाकी त्रा- न पहा-ई ग्नियां में से एक माह मनि फिा से पाप को मत गाणाम् [गमकी+44सि. का। है तक पन्तान को तोप दी जाती है, तो से मार सी सपना पिते पर +मा++ोप] 1 vi भमन्यापान रुपा गागा है. ममः शशा पाषी करापो बदनामहम : एक पान वह मा जाप रोजी-एक -३५१ मध्या पात मार सानम् के परिवार का प्रकामम, पूरपति का पर बोर पलिय। समर पाक बाग द्वारा माहा वान वाला गुर- | मानिनोक-बो) गजमेप पेस- मा. समत से पापो का परिणम पनि के लिए पोय या सममित- पचि पिका हाना पड़मर पहसरलपित्रेण भों रेपस्या अनुमान हामि का निब करना होता है। मारि धियो गान प्रादपात- ३१२:१० गई।ध्यान रहाय+म्यान] । गृहम कब जान को पत्रों का पंबित दवा सप्वर ग्जि: अन्नया या , घरेस काम काम, हो । सहमति के द्वारा 'नन म पापा । गनिम्न-वी-। मपत्र पनि पदमुक्टो गाना - पिबन-पुट 11 (लग पहा काम + गाफ, विलेप कर नागों का लवन पर रिम्ना पिमा लाप से मत बाला, गाना, कुमा यामा - । पुट- नवीन गाना | तकन- 411-1तन -j.04, गुमर एक मकामा माननुह एक कपि, निषा- -11 गाला, 2 मानविद्या में अपनी प्राणी मिष मा. हरिया। गगरे मि विगामिर किस राना। का पुत्र समाग पग है)। गाय: नोमातोपर - ] 1 miगा | m. एन ! मगाम संबन -- बनु रक्नु मार प्राप्त पः गदा पागारानो मगन्ना कामपि भावावगा-बान- मेजर Tr-1-कम 1 गण पू. अप - 21221 - पारिता का मा महाल , पाjि -चिरका | 1 हानाग -राग नलिन र 2107 मानिलाममा वा 4 भाभा. वार में पारिक गरा+कबाद 4 बाला, पं. गाकोरम [लप+पण | कमर का भोग । मान, इदमाग श ग्मिनातरmपा का गामगि । सलमान का निदोष, गन. बिना। ना का पूच. माकपत 146) बोसो नपान पाल्पा अन् गाह, या गाजले. ना पा गाति की 1 गरी अनि का बना 2 (रकी नगाना गंता ना जार मा. पामा मे मान-शानका yिoti- पना, पदार्य में प्रोता माल महिमा निगलानित पाईम । पोलीस जपावं मन माका भगूहमागिय - ९. गारितासेश्य पुष्पत्य गजनिर्मिक नाम मा २२! सावय+a-Rana भी। समा में एवं महसे रापो मा. मी) गयधापम्--] मित्र से पंग हमा ग्या महागान : गहन सना, रेटना, 15- 1 कानय गप गाम का बवं पुरुना फिग्गा बदामिनालग गाईका ५६. व! म. पनाम गिनी जनन अवधिको मारिपचा रोप्तरिह- से वणवार। मानं. १ मेच. ४..हि ... mikaifilam साधू-अप पदाः १२ रातोदिन करना. om. IN गाnि (INE] भानामतीचा देना. बितोष मोहोमा [विपात्र) वरमयी -गन-रा। 5 अन बासी पाना : नष्ट हाना, सस गाभिषण वा भनी समा मिक्षा' मग] गबही [मा पस्य गुप्त को) 1 मी कामा. पान Rai का प्रा। कला, नाता गाना-समीपह-त्री तपमा बगाप-पुर गया जहाग्दिर प्रापल्लति का पर समतिका । १४६ सनमार प्रवर्ष बलम् यात १२ पप गाना नाम मकर नामांकन भूसना, ना. पूरी तरह raghr भारी