पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/२८७

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

काप माने बारा पायी पापच की निमिष्ठ आपड़ी म+, रोषः काम करने में मावि, मानाच, मुली में वाम , न.पा (म.) समय बौर म.in: i) असफसला, तिमूलना, mote ghकानु. कार्य की गति को बाये काजल, -मदिप पवना, वनम् शाम करने की नगर पामांग- 1 मरेरापं में मामा इन गामा, --रि-100 पूषोहितो का रोपी।। पात सय-||+मित किमी गप्प या यात्रा के काग? सन, भनियत । काम करतापग'] 1 सनातन, पुरन सापन -प -2 छोरापना, अपना करी-पु. पाहा कार्य रुपि-नान, लहर, मापिना, पक) [ मयं भग-नार्ष, वा ++मग पाप, काम्म मा. भिष wिanा गम' या बट्टा-मन ११ २. या पन । मापिगिया । जि० को सपा-रिल | पर्य का मातिनागि MIL ART 4*) म ney मनन्ध र गना! ११.५०४ ३vaam बने मसा काने मन-बाना -पु.काला। कामि कि मो) [यम् | ए : कारे लगाये बनाए- मोहा. कानि लास्ट बसमापन | कामटेष को Teret: काल नियोक मो[क घर Fध लाग P*.को काम काता, कालं पा काग-1

  • गा. समय-बाविण माप

Fitr १.१३ मिन (म मा. मापमान किमान गन मा । दिपा पना रापय निजाते.पन्न पा तमुमा समय किया बाई को मारने के | 141 समय ग' मनमा मनः खनन, गाय. प MT #! ।।१२.१२. पर्जना पाशवी to + काल का या मम क्लिप प ग भाई नपेरिसम्प

-विश्य। नदी

गिरानी:-पो में बाल साधन र प्य मपान र रिय का गद्वारा पोषि मह काम निप का मनका काप्त पाण भगाने जगतिमाभितार-पई पावर मृत्यु का देवता पम-कामगावरारगर -पंच.आम, नीति लकी तरका काला जाप 11 कोक्न अनिपत सिय का को पाप (नीत पार न शास्त्र में साप्त,पसबनीपासमारंचने पापा 16 वधान, हास-कम, हा एक प्रकारका गुमित उम। ममा-बारिश प्रामर, NT MATA एक प्रकार सपनन का मुष्का पर -आमि. kiun. स्पृ.८ (म.) जम जगी ही, अ५.५५नियम टिकन में पलागि:- (-) का नोले जरीर बाला. मिका मोल शबानी तनबार) बिहम् मा हरिणीला बारम्पक पार का जवा दा-गर्मा २५. सन्नाकोका, अमित सबप की हानि, मिर-सत्यम 1 दिन 2344 का कोना कानो वोग जाने के कारण हानि, -अगला ! 'समर मापक सूर्य की उपाधि 2 परमारमा, अनुनागिन पु० ame चिना Hd-मर मर मो मन्प सपना wiri संशा है. पूर्वमहाका मारत बनाम 2 सपबीबपि राय सपना बरार, माधम fa काल के गमगा हमा, म ति] बिनाम गोड-कामनगर देखा मोरावस्या का पिः पूहे दो गीत केवन प्रोधित पर जाने पर हा गहराता जान -बा-काला यम से भरा हा मारा-मनन लोहा, -माया मगन पाना समकामा मो.) या ना. सूक, गातक या जप-गर पंगा हाने गमा चन: अपसम मोहा.--उप वि०) मा बामे पागेगा हमा, -कामनातकमक-सम्बगिय की उपमि, -कफ र चिनिपानि -उत्तरः ५. काग, माा का विपन काना •-चिका को धर्मप ममोचन. --मनन् (10) पाप, कोमः हानात... टम् कलाल निल (4। पुर पवन में प्रान सभा मिरा मा पा ससने मोजमसिहर किन काकारए बौर, ५... (901142 मोर मामा. - ममत्र का जीना, समर का अनुकम -कासकमेग.-समय पाकर, हमर पनपन मा पश्यिा पं. १९, महा समप निवत करनन पर मिया साप की हानि ---०२२, परणे फायदोष मा पच- समय बिताना, मनमाया , rak