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पहला अङ्क
३५
राजे०--कोई कल होगी और क्या।
हलधर--अब तमाशा बन्द हो रहा है।
एक किसान--आधी रात भी हो गई। सवेरे ऊख काटनी है।
सबल--आज तमाशा बन्द होता है। कल तुम लोगोंको और भी अच्छे २ चित्र दिखाये जायंगे जिससे तुम्हें मालूम होगा कि बीमारीसे अपनी रक्षा कैसे की जा सकती है। घरोंकी और गाँवकी सफाई कैसी होनी चाहिये, कोई बीमार पड़ जाय तो उसकी देख-रेख कैसे करनी चाहिये। किसीके घरमें आग लग जाय तो उसे कैसे बुझाना चाहिये। मुझे आशा है कि आज की तरह तुम लोग कल भी आओगे।
(सब लोग जाते हैं)