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चौथा अङ्क

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इन्स०—यह लेन देनकी बही है।

सुप०—(Most Important) बड़े कामका चीज़। इतना सबूत काफी है। अब चलना चाहिये।

एक कानिस्टेबल—हजूर, बगीचेमें एक अखाड़ा भी है।

सुप०—बहुत बड़ा सबूत है।

दूसरा कान्स०—हजूर, अखाड़ेके आगे एक गऊशाला भी है। कई गायें-भैंसे बंधी हुई हैं।

सुप०—दूध पीता है जिसमें बगावत करनेके लिये ताकत हो जाय। बहुत बड़ा सबूत है। वेल सबलसिंह हम तुमको गिरफ्तार करता है।

सबल—आपको अधिकार है।

(चेतनदासका प्रवेश)

इन्स०—आइये स्वामीजी; तशरीफ लाइये।

चेतन—मैं जमानत देता हूँ।

इन्स०—आप! यह क्योंकर!

सबल—मैं जमानत नहीं देना चाहता। मुझे गिरफ्तार कीजिये।

चेतन—नहीं, मैं ज़मानत दे रहा हूँ।

सबल—स्वामीजी, आप दयाके स्वरूप हैं, पर मुझे क्षमा कीजियेगा, मैं ज़मानत नहीं देना चाहता।