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पहलादृश्य

(स्थान—मधुबन,थानेदार,इन्सपेक्टर, और कई सिपाहियोंका प्रवेश)

इन्सपेक्टर—एक हजारकी रकम एक चीज होती है।

थानेदार—बेशक!

इन्स०—और करना कुछ नहीं। दो-चार शहादतें बनाकर खानातलाशी कर लेनी है।

थानेदार—गांववाले तो सबल सिंह के खिलाफ ही होंगे।

इन्सपेक्टर—आजकल बड़ेसे बड़े आदमीको जब चाहें फांस दें। कोई कितना ही मुअज्जिज हो, अफसरोंके यहां इसकी कितनी ही रसाई हो, इतना कह दीजिये कि हुजूर वह भी सुराजका हामी है, बस सारे हुक्काम उसके जानी दुश्मन हो जाते हैं। फिर वह गरीब अपनी कितनी ही सफाई दिया करे, अपनी वफादारीके कितने ही सबूत पेश करता फिरे, कोई उसकी नहीं सुनता। सबल सिंहकी इज्जत हुक्कामकी नजरों में कम नहीं थी। उनके साथ दावतें खाते थे। घुड़दौड़में शरीक होते थे, हरएक