यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

तीसरा अङ्क

१९१

परनारीको अपनी माताके समान जानना चाहिये।
झूठ कपटकी बात सदा कहनेमें शरमाना चाहिये॥
कथा पुरान सन्त संगतमें मनको बहलाना चहिये।
नारायणका नाम सदा मनके अंदर लाना चहिये॥