पृष्ठ:संगीत विशारद.djvu/७

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  • सङ्गीत विशारद *

१५८ १३० १३२ राग में विवादी स्वर का प्रयोग . ११० प्राचीन मिद्धान्त १४४ राग रागिनी पद्धति ११२ वाटत, जिगर, हिमाय १४६ गायकों के गुण अवगुण .. . १५५ स्वरलिपि पद्धति १४७ नायक, गायक, क्लावन्त, गाधर्व १२० विष्णुदिगवर पद्धति के स्वरलिपि चिन्ह पहित,सगीत शास्त्रकार, संगीत शिक्षक,कबाल १२० मातरसटे पद्धति के स्वरलिपि चिन्ह १४६ अताई गायक, कत्यक, उत्तम वाग्गेयकार १२१/मनीत पोर रस १५० मध्यम और अधम वामोयकार १२३ प्रथम वर्ष से पचम वर्ष तक के ६० रागी गीत, गाधर्व, गान तथा मार्ग देशी सगीत १२४ का वर्णनग्रह, यश और न्यास १२५ बिलावल, अल्हैयापिलावल, समाज , १५४ गायन शैलिया-ध्रुवपट ] यमन, काफी १५५ ध्रुवपद की चार वाणी ૬ भैरवी, भूपाली, सारग (शुद्ध) १५६ चार वाणियों के प्रधान लक्षण १२७ रिहाग, हमीर १५७ १२८ देश, मैरव टप्पा, ठुमरी १२६ भीमपलासी, वागेश्री १५६ तराना, निवट, होरो-धमार, गजल तिलक्कामोद, श्रासापरी, केदार १६० कव्वाली, दादरा, सादरा, खमसा । १३१ देशकार, तिलग १६१ लाग्नी, चतुरग १३१ हिडोल, मारवा, सोहनी २६२ सरगम, रागमाला, लक्षण गीत जौनपुरी, मालकोंस १६३ मजन गीत, कीर्तन, गौत, कजली १३२ छायानट, कामोट, बसन्त १६४ चिती, लोक गीत शक्रा, दुर्गा (समाज याद) १६५ श्राल्हा, बारहमासी, सावनी, माड १३४ दुर्गा (विलाल थाट ), शुद्धकल्याण १६६ संगीतात्मक रचनाओं के नियम- ) गौड सारग, जयजयवन्ती १६७ स्वर स्यान, रूपकालाप पूर्वी, पूरियाधनाश्री 'बालति, आविर्मान-तिरोभाव, स्याय, परज, पूरिया, सिदूरा १६६ मुख चालन, श्रातिप्तिका, निबद्ध ! १३६ कालिगडा, बहार २७० । अनिबद्ध गान अडाना, धानी १७१ विदारी, अल्पत्व, बहुत्व १३७ माड, गौडमल्लार, मिझोटी १७२ पकड, मींड, सूत, अान्दोलन, गमक, कण १३८ श्री राग, ललित तान, शुद्धतान, क्टतान, मिश्रतान, १३६ मिया मल्लार, दर्बारी कानडा १७४ सटके की तान, भटके की तान, वक्रतान १३६ तोडी, मुल्तानी १७५ अचरक्तान, सरोकतान, लहततान, सपाटतान १३६ रामकली, विमास (भैरव याट) १७६ गिटकरी तान, जबड़े की तान, हलक तान १४० पीलू , अासा, पटदीप १७७ पलट तान, बोलवान, अालाप, बदत १४०, रागेश्री, पहाडी १७८ आधुनिक अालाप गान-स्थायी १४१ जोगिया, मेघमल्लार १७६ अन्तरा, सचारी, आमोग, पालाप में ताल, मात्रा, विलम्बितलय, मध्यलय द् तलय १८० लय की गत १४२ ठेका, दुगुन, तिगुन, चौगुन गमक के प्रकार १४३ अाडी, कुवाडी, वियाडी, सम १५१ रागो का टस विभागों में वर्गीकरण करने का साली, मरी, यति, श्रावृति ... १८२ १३३ १३५ १६८ १८१