पृष्ठ:संगीत विशारद.djvu/२१६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

» o 0 0 प सा ७ " प o 0 सा २६ | कामोद काफी ८ कालिंगड़ा. ६. केदार कोमल देसी २ | कौंसी कान्हरा कौंसी भैरव खमाज खम्बावती कल्याण प काफी भैरव कल्याण औड़व सम्पूर्ण सा आसावरी औड़व संपूर्ण प सम्पूर्ण म भैरव षाड़व संपूर्ण | ग " ० ० म सा खमाज " " " O संपूर्ण पाडव ध o d 19 खर ग गध, दोनों नि o 39 » 39 खाकर " खमाज प ० गान्धारी ग

  • सङ्गीत विशारद *

२३१ दोनों म सारेप मप धप निधसां सांनिध प मपधप गमरेसा रात्रि प्रथम प्रहर ग नि सारेग म प धनिसां सांनिध प मग रेसा मध्यरात्रि रेध सारेगम प ध नि सां सांनिधुप मग रेसा रात्रि अन्तिम प्रहर दोनों म (ग) साम मप धप निध सां रेग म सां निध प मप गमरेसा | रात्रि प्रथम प्रहर रे निगध व दोनोरे गध सारे मप निसां सांनिधप मगरेसा दिन दूसरा प्रहर सा नि ग सारेगम पधनिसां मध्यरात्रि सांनिधप मगरेसा रे ध नि दोनों साम गमपम निधुनिसां रेंनिधप मग मरेसा दिन प्रथम प्रहर नि दोनों नि सा ग म प ध नि सां सां नि ध प म ग रे सा | रात्रि दूसरा प्रहर सा रे ग म प नि ध सां सांनिधप मगमसा सारेगमप निधनिसां सांनिधप मगरेसा दिन दूसरा प्रहर नि, दोनो ग सारेपम निधप मपधसां सांनिधप धनिप मगरेगरेसा गध, निरे दोनों ग सारेमप धनिसां सांनिधूप मगरेसा नि दोनों सारेगरे गमपध निसां सांनिधनि पमगरे गरेसा गनि गनि सा रे म प ध सां सां ध प म रे सा दिन प्रथम प्रहर प सा रे ग म प ध नि सां सां नि ध प म ग रे सा रे सा रे ग म ध नि सां सां नि ध म गरे गरेसा| दिन दूसरा प्रहर प गनिध रे रे सा ग म प ध नि सां सां नि ध प म ग सा प्रातःकाल सा नि सा रे म ध नि ध सां सां नि धपम रेसा रात्रि दूसरा प्रहर गनि दोनों (गनि) सा रे म प ध सां सांनिप मपगम रेसा म दोनों सागरेमग पमधप निधसां सांधनिप धर्मपग मरे परेसा दिन दूसरा प्रहर रेध सा रे म पनि सां सांनिधुप मगरेसा सायंकाल सारेपम पनिसां सांनिधुप म पगरे मगरेसा सा रे ग प ध नि सां सांनिधप मंगरेसा रात्रि प्रथम प्रहर रेप रेप | साग मध निसां सांनिधम ग मग सा मध्यरात्रि o 33 खमाज o आसावरी | सम्पूर्ण ध रे आसावरी षाड़व सम्पूर्ण | ध सम्पूर्ण ग भैरव औडव बिलावल | सम्पूर्ण तोड़ी पाड़व आसावरी २ ध 73 २ गुणकरी गुणकली गुर्जरी तोड़ी गोपी बसंत ध 97 सा 12 ग गोरख कल्याण गौड़ मल्हार खमाज काफी कल्याण संपूर्ण म वर्षा ऋतु " ग ध ० o भैरव प गध गौड़ सारंग गौरी (भैरव) गौरी (पूर्वी) चन्द्रकान्त चन्द्रकौंस " दोनों म गध २ औडव संपूर्ण | रे रे पाडव संपूर्ण ग औडव पूर्वी कल्याण काफी