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पाठ १५
भूपाली
  1. इस राग में पांच स्वर होते हैं इसमें 'म' और 'नी' यह

दो स्वर नहीं लगाये जाते

  1. इस राग में सब स्वर शुद्ध लगते हैं।
  2. इस राग का वादी स्वर 'ग' है।
  3. इस राग का संवादी स्वर "ध" है।
  4. इस राग के गाने बजाने का समय रात्रि का प्रथम पहर है।
  5. आरोही = स रे ग प ध सं
अवरोही = सं ध प ग रे स
पकड़ = ग रे स ͎ध, स रे ग प ग ध प ग रे म


ताल सरगम राग भूपाली

( ताल तीन मात्रा १६ )

स्थाई

समतालीखालीताली


x
धा धिं धिं धा

ग — ग —



धा धि धिं धा

प रे ग ग



धा तिं तिं ता
ध सं ध प



ता धिं धिं धा
ग रे स रे

अन्तरा



सं — सं —
सं सं ध प



ध ध सं —
ग रे स स


ग प ग ग
सं सं ध —


प — ध ध
सं सं गं रें