पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/९७

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( ८७ ) १६८---सामासिक शब्दो का लिंग बहुधा अंत्य शब्द के लिंग के अनुसार होता है रसोई-घर ( पु० ), धर्मशाला ( स्त्री० ), मॉ-बाप (पु० ), बाल-बुद्धि ( स्त्री० )। . १६६—किसी पदार्थ के मुख्य नाम का लिंग उस व्यक्तिवाचक संज्ञा के लिंग के अनुसार होता है; जैसे,

    • महासभा' ( स्त्री० )

आगरा” ( पु० )

    • महामण्डल’’ ( पु० )

4माधुरी’’ ( स्त्री० ) पर्णकुटी' ( स्त्री० )

  • प्रताप' ( पु० )

आनंद-भवन" ( पु० ) *गाँडोव ( पु० )

    • दिल्ली ( स्त्री० )
  • कोहनूर' ( पु० )

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम हिंदी शब्द : लड़का-लड़की पुतला–पुतली बकरा-बकरी बेटा-बेटी घोड़ा-धड़ी गधा---गधी ( १ ) प्राणिवाचक आकारांत पुल्लिग संज्ञाओ के अत्य * के बदले “ई” करके स्त्रीलिंग बनाते हैं। संबंध-वाचक संज्ञाएँ भी इसी वर्ग में आती हैं; जैसे, मामा-मामी, 'माई दादा-दादी आजा-आजी नाना-नानी साला----साली काका-काकी । कुत्ता--कुतिया बुडूढा---बुढ़िया बच्छा-बछिया चूहाचुहिया, बेटा---बिटिया मुन्ना-मुनिया ( अ ) निरादर अथवा प्रेम में कहीं-कहीं “इया लगाते हैं और यदि अंत्याक्षर द्विव हो तो पहले व्यंजन का लोप कर देते है।