पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/९४

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( ३ ) आकारात संज्ञाएँ; जैसे, हवा, दवा, सजा, बला, जमा, हुआ । अप७----द्या ।। ( ४ ) तफईल?” के वजन की संज्ञाएँ; जैसे, तसवीर, तकदीर, तदबीर, तहसील, वफसल, जागीर । अप००=-ताबीज । । | १६३०-अर्थ के अनुसार अप्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग जानने | के लिये कुछ नियम दिए जाते हैं- पुल्लिग ( १ ) देश, पर्वतों और समुद्र के नाम; जैसे, भारतवर्ष, नैपाल, हिमालय, अर्वली, लाल समुद्र, फाला सागर । १३) ग्रहो के नाम; जैसे, सूर्य, चंद्र, बुध, वृहस्पति, शुक्र, शनि । अप० ---पृथ्वी ।। { ३) समय के विभागों के नाम; जैसे, वर्ष, मास, दिन, सप्ताह पाख, पल । अप०----सॉझ, रात, घड़ी, वेला । (४) धातुओं के नाम; जैसे, ताँबा, पीतल, कॉसा, लोहा, सोना रूपा । अपचॉदी । ६५) रत्नों के नाम: जैसे, हीरा, पन्ना, नीलाम, मोती, गा, मानिक । अप०-मणि, चुन्न । (६) पेड़ों के नाम; जैसे, पीपल, बड़, सागौन, कदंब, पाकर, जामुन । अप०-लाम, इमली, बेरी ।। (७) अनाज के नाम; जैसे, जौ, गेहूं, चावल, बाजरा, मटर, चना । अप०----अरहर, मूंग, मसूर, जुआर ।। (६) द्रव पदार्थों के नाम; जैसे, घी, तेल, पानी, दही,मही दूध । अप०-छाछ, कॉजी ।। (६) अक्षरो के नाम; जैसे, अ, आ, अनुस्वार, विसर्ग, क, है । अप०-३, ई, ऋ ।