पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/७७

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( ६७ ) | वह बीमार है, इसलिए पाठशाला नहीं गया। वे मुझे नहीं मिले सो मैं वहाँ से लौट आया । | इसलिये' के समानार्थी, अतएव और अतः हैं । कभी-कभी "इसलिये के बदले इस वास्ते”, “इस कारण', या इससे आता है । कानूनी हिंदी में इसलिये के बदले बहुधा लिहाजालिखा जाता है। लड़के ने कहा मैं न जाऊँगा । लड़का पाठशाला नहीं गया, क्योकि वह बीमार है। यदि तुम मेरे साथ चलोगे तो आनंद होगा । यद्यपि हम दीन हैं, तो भी सदाचार से हीन नहीं । १४६-ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित समुच्चय-बोधक ऐसे उप- वाक्यों को मिलाते हैं, जिनमें से एक उपवाक्य दूसरे पर अवलंबित रहता है। पहले वाक्य में मै न जाऊँगा उपवाक्य लड़के ने कहा, उपवाक्य पर अवलंबित है और वह "कि समुच्चय-बोधक से जुड़ा है। दूसरे वाक्यमें "क्यो समुच्चय-बोधक पिछले मुख्य उपवाक्य के साथ अगले अवलंबित उपवाक्य को जोड़ता है। तीसरे उदाहरण में यदि और चौथे में यद्यपि अवलत्रित उपवाक्यों को जोड़ते हैं । जो समुच्चय बोधक अवलंबित या आश्रित उपवाक्य को मुख्य उपवाक्य के साथ जोड़ता है उसे व्यधिकरण समुच्चय-चोधक कहते हैं---

  • १४७---व्यधिकरण समुच्चय-बोधक मुख्य चार प्रकार के होते हैं--

( १ ) स्वरूप-वाचक-इन अव्ययो के द्वारा जुड़े हुए वाक्यों या शब्दो में से पहले वाच्य शब्द का स्वरूप ( अर्थ ) दूसरे वाक्य या शब्द से जाना जाता है, जैसे, राजा ने कहा कि मै अपराधी को दंड दूंगा । आपने ठीक किया जो यह बात उनसे नहीं कही । सिद्धार्थ अर्थात् गौतम शुद्धोदन के पुत्र थे । बादशाह का बेटा याने शाहजादा शिकार' को गया ।