पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/७६

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ti पास आवेगा और कृष्ण आवेगा रास आवेगा, या कृव्ण आवेगा । रास आवेगा, पर कृष्ण न आवेगा । राम आया, इसलिये कृष्ण नहीं आया । १४४-ऊपर लिखे उदाहरणो में रेखांकित समुच्चय-बोधक के समान स्थितिवाले दो दो उपवाक्यों को जोड़ते हैं, इसलिये उन्हें समानाधिकरए समुच्चय-बोधक कहते हैं । १४५--समानाधिकरण समुच्चय बोधक चार प्रकार के होते हैं । (१)संयोजक-वे एक बात के साथ दूसरी बात जोड़ते हैं; जैसे, राम आवेगा और कृष्ण आवेगा । क्या बूढे, क्या जवान, सच उससे प्रसन्न थे ! “और’’ के समानार्थी तथा एवं” और ” हैं : इनका उप- योग और की पुनरुक्ति मिटाने के लिये किया जाता है। *व” उदू शब्द है और इसका प्रचार कम है। (२) विभाजक-इनके द्वारा दो बातों में किसी एक को स्वीकार । अथवा दोनों का निषेध होता हैं, जैसे, लड़का आवेगा या लड़की आवेगी | जल्दी जाओ नहीं तो घंटी बज जायगी । इधर के हुए न उधर के हुए । चाहे रहो चाहे जाओ ।। ( ३ ) विरोध-दर्शकइनसे दो बातों में विरोध सूचित होता है; जैसे। लड़की चतुर है, वह आलसी है । मोहन देरी से आया, तो भी वह बुला लिया गया । सोहन को क्षमा न दी जावे, वरन् दंड दिया नावें । पर' के समानार्थी परंतु', "लेकिन’ और ‘मगर हैं। इनमें । मगर उर्दू है इसका प्रयोग कम होता है। (४) परिमाण-दर्शक-इनसे सूचित होता है कि अगली बात। पिछली बात का फल हैं; जैसे,