पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/७५

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
( ६५ )

मेरे पास एक घड़ी है जो बिल्कुल ठीक चलती है। संबंध-वाचक सर्वनाम ) ।। जहाँ सत्य है वहाँ ईश्वर है । ( संबंध-वाचक क्रिया-विशेषण ) वह अपना काम नहीं करता, क्योकि वह अलसी है (समुच्चय-बोधक) । • १४०-कभी-कभी कुछ समुच्चय-बोधक केवल दो शब्द ही को जोड़ते हैं, जैसे, दो और दो चार होते हैं। उसको दाल और भात खिलाओ । सिक्का अर्थात् मुद्रा व्यापार के लिए आवश्यक है । | १४१---संबंध-सूचक और समुच्चय-बोधक में यह अंतर है कि संबंध सूचक संज्ञा सर्वनाम का सबंध क्रिया के साथ मिलाता है; पर समुच्चय-त्रोधक दो शब्दों या उपवाक्यों को केवल जोड़ता है; जैसे, पिता पुत्र समेत आया ( संबंध-सूचक ) । पिता और पुत्र आए ( समुच्चय-बोधक )। १४२--कोई-कोई समुच्चय-बोधक जाड़े से आते हैं; जैसे, क्या-क्या क्या छोटे, क्या बड़े सबको दुःख होता है। या-या या काम करो या घर जाओ । न-न। उनके पास न वस्त्र है, न अन्न । चाहे--चाहे तुम चाहे रहो चाहे जाओ । चाहे-पर चाहे धन चला जावे, पर मान न जावे । यदि-तो यदि समय मिलेगा तो मै वहाँ जाऊँगा । यद्यपि-तथापि (तो भी) यद्यपि हम दीन हैं तथापि नीच नहीं हैं। इसलिए-कि वे इसलिये आए थे कि आपसे कुछ कहते । १४३-कई-कई समुच्चय-बोधक दो शब्दों से मिलकर बने हैं; जैसे, क्योकि मैं न जाऊँगा, क्योंकि मेरा जी अच्छा नहीं । न कि वह मेरा भाई है, न कि साथी । नहीं तो तुम समय पर जाओ, नहीं तो गाड़ी न मिलेगी ।

  • इसलिये कि-पिता ने पुत्रको बुलाया, इसलिये कि उसे कुछ शिक्षा दे।