पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/७२

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वास्ते वास्ते ( ६२ ) १३६-हिंदी में कई एक संबंध-सूचक संस्कृत और उर्दू से आए हैं। इनमें बहुत से हिंदी शब्दों के समानार्थी है---तीनों भाषाओ के कुछ समानार्थी संबंध-सूचक नीचे लिखे जाते हैं हिदी संस्कृत उर्दू } हिंदी संस्कृत से अपेक्षा सामने रूबरू समक्ष || लिये निमित्त संमुख हेतु खातिर पास निकट नजदीक सम्प भॉति तरह। जरिए सारे , कारण द्वारा सुन्नन् । से | विषय । बाबत पोछे पश्चात् बदौलत | मद्धे अनंतर बाद ! १३७०-नीचे कुछ विशेष संबंध-सूचको के अर्थ और प्रयोग लिखे जाते हैं- आगे..इसका अर्थ की-कभी योग्यता वा स्वभाव होता है; जैसे उनके आगे किसी की नहीं चलती । मौत के आगे किसका वश है ? इवा के आगे बादल नहीं ठहरते ।। पीछे--जब इससे प्रत्येकता का बोध होता है तब इसके पहले विभक्ति नहीं आती; जैसे आदमी पीछे एक रुपया दिया जाय । लड़के पीछे दस रुपए खर्च पड़ते हैं । गॉध पीछे एक किसान बुलाया गया है। पास---इससे अधिकार भी सूचित होता है; जैसे, मेरे पास एक घोड़ा है। उसके पास कुछ जमीन है। मेरे पास एक लड़की है इसे वाक्य का यह अर्थ नहीं है कि मेरा एक लड़का है; किंतु यह अर्थ कि मेरी एक लड़का मेरे पास होता है अथवा मेरे यहाँ एक लड़के नौकर या अश्रित के समान रहता है ।। | सरीखा---यह बहुधा विना विभक्ति के आता है, और विशेष्य में अनुसार बदलता है; जैसे, राम सरीखा पुत्र, सीता सरीखी स्त्री, अजु सरीखे वर ।