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| तीसरा अध्याय | |
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| शब्द-विचार | |
| | पृष्ठ |
पहला पाठ | शब्द भेद | २२ |
दूसरा „ | संज्ञा के भेद | २७ |
तीसरा „ | क्रिया के भेद | ३० |
चौथा „ | सर्वनाम के भेद | ३४ |
पाँचवाँ „ | विशेषण के भेद | ४३ |
छठवाँ „ | क्रिया-विशेषण के भेद | ५० |
सातवाँ „ | संबंध-सूचक के भेद | ५९ |
आठवाँ „ | समुच्चय-बोधक के भेद | ६४ |
नौवाँ „ | विस्मयादि-बोधक के भेद | ७२ |
दसवाँ „ | एक शब्द के अनेक शब्द-भेद | ७४ |
| चौथा अध्याय | |
| शब्द-साधन | |
पहला पाठ | विकारी और अविकारी शब्द | ७८ |
दूसरा „ | संज्ञा का लिंग | ८० |
तीसरा „ | संज्ञा का वचन | ९३ |
चौथा „ | संज्ञा के कारक | ९८ |
पाँचवाँ „ | संज्ञा की कारक रचना | १०४ |
छठवाँ „ | सर्वनाम की कारक रचना | १०९ |
सातवाँ „ | विशेषण का रूपांतर | ११५ |