पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/६५

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( ५५ ) बनते हैं उन्हें संयुक्त वा सामाजिक क्रिया-विशेषण कहते हैं। ये नीचे लिखे शब्द-भेदों के मेल से बनाए जाते हैं । ( क ) संज्ञाओ की पुनरुक्ति से--घर-घर, देश-देश, घड़ी-घड़ी, हाथो हाथ, पावो पॉव । | ( ख ) दो भिन्न भिन्न संज्ञाओ के मेल से--रात-दिन, देश-विदेश, सॉझ सवेरे, घाट-बाट । ( ग ) विशेषण की पुनरुक्ति से ठीक-ठीक, साफ साफ, थोड़ा- थोड़ा, एकाएक ।। ( घ) क्रिया-विशेषणो की पुनरुक्ति से-धीरे-धीरे, जहाँ जहाँ कभी कभी, पहले-पहले। | ( इ ) दो भिन्न-भिन्न क्रिया-विशेषणो के मेल से—यहाँ-वहाँ, जहाँ. कहीं, कल परसो, तले ऊपर । ( च ) विशेषण और संज्ञा के मेल से---एक-चार, एक साथ, हर घड़ी, लगातार ।। | ( छ ) अव्यय और दूसरे शब्दों के मेल से--अनजाने संदेह, भर पेट, प्रति-दिन । | ( ज ) विशेषण और पूर्वकालिक कृदंत (कर या करके ) के योग से-विशेष-कर, बहुत कर के, मुख्य करके, एक एक करके ।। १२३-हिदी में अनेक संस्कृत क्रिया-विशेषण , और कई एक उदू क्रिया-विशेषण आते है जिनकी सूची नीचे दी जाती है-- . ( १ ) संस्कृत क्रिया-विशेषण | अकस्मात् कदाचित् पश्चात्, प्रायः, बहुधा, वृथा, वस्तुतः, स्वतः, सदा, सर्वदा, क्रमशः, अक्षरशः, सर्वथा, पूर्ववत् ।। , उर्दू क्रिया-विशेषण , शायद, जरूर, बिल्कुल, अकसर, फौरन, जल्द, नजदीक, खूब, • हमेशा ।। ' १२४-नीचे, कुछ क्रिया-विशेषणो के अर्थ और प्रयोग लिखे 'जाते हैं-- -