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। ५२४ । नौकर कब आया ? राम कहाँ गया था ? यह काम कैसे होगा ? यह क्यों आया था ? ये क्रिया-विशेषण कालवाचक, स्थानवाचक, रीतिवाचक अथवा परिमाण-वाचक होते हैं । | १२०-प्रयोग के अनुसार क्रिया-विशेषण तीन प्रकार के होते हैं- ( १ ) साधारण, (२) संयोजक, ( ३ ) अनुबद्ध। ( १ ) जिस क्रिया-विशेषण का प्रयोग वाक्य में स्वतंत्रता-पूर्व क होता है उसे साधारण क्रिया-विशेषण कहते हैं; जैसे, अब मै जाता हूँ। धीरे चलो । वह बहुत हँसता है । ( २ ) जिस क्रिया-विशेषण का संबंध दूसरे वाक्य के किसी क्रिया- विशेषण से रहता है वह संयोजक क्रिया-विशेषण कहाता है; जैसे, ' जब मैं आया तब वह घर में नहीं था । जहाँ पहले पानी था वहाँ अब धरती है। जैसे मै लिखता हूँ वैसे लिखा । जितना मैं चला था उतना कोई नहीं चला ।। ( ३ ) जो क्रिया-विशेपण वाक्य में समुच्चयबोधक और विस्मयादि- बोधक को छोड़ अन्य किसी शब्द भेद के साथ अवधारण के लिए जोड़ा जाता है उसे अनुबद्ध क्रिया-विशेषण कहते हैं, जैसे, मेरे पास घड़ी तो है। लड़का ही चला गया । । वह पहले भी आया था। लड़की पढ़ी भर है । १२१--रूप ( रचना ) के अनुसार क्रिया-विशेषणो के तीन भेद | हैं-( १ ) मूल, (२) यौगिक, ( ३ ) स्थानीय ।। ( १ ) जो क्रिया-विशेषण किसी दूसरे शब्द से नही बनाए जाते | उन्हे मूल क्रिया-विशेषण कहते हैं; जैसे, झट, दूर, फिर, ठीक । ( २ ) जो क्रिया-विशेषण दूसरे शब्दों से बनाए जाते हैं वे यौगिक क्रिया-विशेषण कहते हैं, जैसे, ( क ) संज्ञा से-सवेरे, क्रमशः, प्रेम-पूर्वक, शक्ति-भर । ( ख ) सर्वनाम से- । ।