पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/५९

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( ४६ ) - १११--विशेषण का प्रयोग दो प्रकार से होता है-एक विशेष्य के साथ और दूसरा क्रिया के साथ; जैसे छोटा लड़का आया । मै बड़ी | पुस्तक पढता हूँ। लडका छोटा है । पुस्तक बड़ी थी । पहले दो वाक्यो । के विशेषण विशेष्य विशेषण और पिछले दो वाक्या के विधेय विशेषण कह- लाते हैं । विधेय-विशेषण अपूर्ण क्रियाओं के साथ पूर्ति के रूप में आता है। कुछ गुणवाचक विशेषण केवल विधेय-विशेषण होते हैं; जैसे इतना | दूध बस होगा । मुझे यह बात मालूम है। यह काम कब समाप्त हुआ । कुछ विशेष अर्थों में विशेषण की पुनरुक्ति होती है; जैसे, बड़े-बड़े | पेड़, छोटे-छोटे फल, चार-चार फूल, थोड़ी-थोड़ी दवा ।। अनेक गुणवाचक विशेषण संज्ञाओ और क्रियाओं से बनाये जाते संज्ञा से-जैगली, नागपुरी, आलसी, दयालु । क्रिया से---बिकाऊ, मरनहार, ढलव, सुहावना । अभ्यास १-नीचे लिखे वाक्या में विशेषणोके भेद और उनके प्रयोग बताओ । ऊँची दूकान का फीका पकवान । मरता क्या नहीं करता । चार दिन की चाँदनी, फिर अँधियारी रात । दुष्ट न छोड़े दुष्टता | ये वही | जानकी हैं जिनके लिये धनुषयज्ञ होता है । वह मनुष्य कपटी निकला । झूठे का कोई विश्वास नहीं करता। हम लोग दारुण दुख सहते हैं। - किसानों ने आधा लगान पटाया । नौकर तीसरे दिन लौटा । काली बिल्ली | ने सब दही खा लिया। आजकल हजारो नौकर बेकार हैं । इस असार संसार में एक धर्म है सार । मेरे मन में सैकड़ो विचार और प्रत्येक विचार के साथ एक चिंता लगा रहती है । रोग का यथार्थ कारण चतुर | वैद्य ही जान सकता है। विशेषण की साधारण व्याख्या वाक्य-दस दिन के बाद वह भयंकर युद्ध समाप्त हुआ और उसमें • दोनो ओर के हजारों सैनिक धराशायी हुए।