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पाँचवाँ पाठ विशेषण के भेद | छोटी लड़की खेलती है। बड़ा लड़का पाठ पढ़ता है ।। वह नई पुस्तक है। नौकर का स्वभाव सीधा है। ९९--इन वाक्यों में रेखांकित विशेषण संज्ञाओं में संबंध रखकर उनके अर्थ से एक नई बात (विशेषता ) बताते हैं । “लडकी संज्ञा के साथ छोटी विशेपण, लड़का संज्ञा के साथ बड़ा विशेषण,

  • पुस्तक' संज्ञा के साथ “नई” विशेषण और "स्वभाव? संज्ञा के साथ

सीधा विशेषण संबंध रखता है और ये विशेषण संबंध का गुण • बताते हैं, इसलिये इन्हे गुणवाचक विशेषण कहते हैं । गुणवाचक विशेषणों में हीनता के अर्थ में सा प्रत्यय जोड़ा जाता { है; जैसे, बड़ा-सा पेट, छोटी-सी डिबिया, ऊँचा सा घर ।। = = = == मेरे पास पॉच रुपये है। वहाँ कई लोग थे । वह कपड़ा ढाई गज है । बाढ़ में सैकड़ो घर गिर गए। १००--ऊपर के वाक्य में रेखाकित विशेषण संज्ञाओं से सूचित होने वाली वस्तुओं की संख्या बोध कराते हैं, इसलिये, इन्हे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं । संख्यावाचक विशेषण के मुख्य दो भेद हैं- (क) निश्चित संख्यावाचक-एक, दो, चार, दूना, दूसरा, दोनो । (ख) अनिश्चित संख्यावाचक-कई, अनेक, बहुत सब अादि । १०१---अनिश्चित सख्यावाचक विशेषणों के नीचे लिखे भेद होते हैं। (१) पूर्णाक बोधक-एक, दो, सौ, हजार, लाख ।। (२) अपूर्णांक-बोधक-पाव, धा, पौन, सवा, डेढ़ ।। -, (३) क्रमवाचक-पहला, दूसरा, चौथा, पाँचवों, छठा ।'