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कौन प्राणियों और विशेषकर मनुष्यों के लिये आता है और “क्या” छोटे प्राणी, पदार्थ अथवा धर्म के लिये आता है। ६७निर्धारण के अर्थ मे कौन' प्राणी, पदार्थ और धर्म तीनों के लिये आता है; जैसे यह बालक कौन है जो मेरे अंचल को नहीं छोड़ता १ इन कपड़ो में मलमल कौन है ??? "इन कामो में पाप कौन है और पुण्य कौन ? इस अर्थ में कौन' के साथ बहुधा

  • सा' प्रत्यय जोडते हैं; जैसे, वह देश कौनसा है जिसमें सब प्रकार का

सुख है ?” इन पुस्तको में तुम्हारी कौनसी है ? | जब कौन” का अर्थ नही” के समान होता है तब वह क्रिया विशेषण होकर आता है; जैसे यह काम कौन कठिन है। आपके लिये इतना दान कौन बहुत है” । | कौन? आदर और बहुत्व के लिये भी आता है; जैसे वे मनुष्य कौन थे जो अभी यहाँ से गए हैं ! **आपके यहाँ कौन आए हैं ; विविधता के अर्थ में, “कौन की पुनरुक्ति होती है; जैसे, कौन कोन आए हैं ? आपके लड़को में कौन कौन पढ़ते हैं ? ८–लक्षण या पहचान पूछने में क्या प्राणी, पदार्थ और धर्म तीनो के लिये आता है; जैसे; मनुष्य क्या है ?” *"बादल क्या है ?? "जीवन क्या है ? आश्चर्य; धर्म और अशक्यता के अर्थ में क्या क्रियाविशेषण होता है, जैसे, "क्या अच्छी बात है ?” “तुम वहाँ बैठे हो !” “वह मुझे क्या मारेगा !' पूरे वाक्य के संबंध में प्रश्न करने के लिये क्या?' का उपयोग विस्मयादिबोधक के समान होता है, जैसे क्या वह आवेगा ? क्या तुमको यह पेड़ नहीं दिखाई देता ? “क्या क्या? से और (समुच्चय-बोधक) का अर्थ पाया जाता है, • जैसे, “क्या राजा क्या रंक, सबको एक दिन मरना है। क्या छोटे क्या बडे, सब वहाँ पहुँचे ।”