पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/४४

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को कविता सिखाई । जंगल में से एक बाघ निकला । समय बदलता है। वह अपना नाम बदलता है। लड़का चोर निकला । मेरा एक भाई हैं। श्याम मेरा साथी है। मैं गोपाल को सच्चा समझता हूँ। सो मुख निंदिया प्यारे ललन । सइक पर पानी बहता है। वहाँ बिजली गिरी । गाडी, कब आएगी ? पानी के बहाव से पत्थर विसता है। नौकर ने मालिक को मार्ग बताया । माँ ने बच्चे को खेलता पाया । | संज्ञा और सकर्मक क्रिया की साधारण व्याख्या वाक्य---गुरु मोहन को कविता सिखाता है। गुरु-संज्ञा, व्यक्तिवाचक सिखाता है क्रिया का कक्ष । मोहन को-संज्ञा, व्यक्तिवाचक सिखाता है” द्विकर्मक क्रिया गौण कर्म । कविता--संज्ञा भाववाचक, “सिखाता है?” द्विकर्मक क्रिया का मुख्य कर्म । सिखाता है--द्विकर्मक क्रिया, कच "गुरु" मुख्य कर्म कविता गौण कर्म मोहन को । अभ्यास | १–पिछले अभ्यास के वाक्यों में संज्ञा और क्रिया की साधारण आख्या करो । चौथा पाठ सर्वनाम के भेद राम ने कहा कि मैं कल जाऊँगा ।। मोहन ने गोपाल से पुछा कि तुम कब जाओगे । पिता ने लड़के से कहा कि तू यहाँ बैठ । लड़के ने पिता से पूछा कि आप कब आए ? राजा ने मंत्री से कहा कि हम बाहर जायेंगे |