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( २८ ) होता परंतु यदि उस स्थान का नाम 'शहर है तो इस नाम से उस स्थान के गुण और लक्षणों का बोध तुरंत हो जाता है। *फलका नाम किसी समय बदला जा सकता है; पर शहर' शब्द के बदले कोई दूसरा नाम नहीं रखा जा सकता है। भलाई एक गुण है । क्षत्रियों में साहस पाया जाता है । लड़कपन मे आनद रहता हैं । रोगी की दशा सुधर जायगी ।

  • ७५ -ऊपर लिखे उदाहरणों में भलाई, लड़कपन, आनंद”

साहस” और “दशा प्राणी या पदार्थ के नाम नही है; किंतु गुण अथवा दशा के नाम हैं। प्राणी और पदार्थ के समान गुण वा दशा भी एक वस्तु है जो पदार्थों में पाई जाती हैं, पर उनका ज्ञान इंद्रियों से नहीं किंतु केवल मन से होता है । गुण वा दशा व्यापार का नाम सूचित करनेवाली संज्ञा को भाववाचक संज्ञा कहते हैं । अनेक भाववाचक संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञाओ, क्रियाओं और विशेपणे से बनती हैं; जैसे ( १ ) जातिवाचक संज्ञा से---लड़कपन, मित्रता, चोरी, दासत्व है। ( २ ) क्रिया से--दौंड़, बहाव, चढ़ाई, सजावट । (३) विशेषण से--भलाई, भोलापन, सरलता, चिकनाहट । भीड़ में घुसना कठिन है । सभा में विवाद होगा ! वहाँ विद्यार्थियों का एक संघ है। पिता कुटुंब का एक मुखिया होता है। । ७६-ऊपर लिखे वाक्यो में रेखांकित शब्द अलग-अलग प्राणियों या पदार्थों के नाम नहीं हैं, कितु उनके समूहों के नाम हैं। प्राणियों या पदार्थों के समूह का नाम सूचित करनेवाली संज्ञा को समूहवाचक , संज्ञा कहते हैं । समूहवाचक संज्ञा एक प्रकार की जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि समूहों

  1. भी कई जातियाँ होती हैं, जैसे, भीड़, सभा, संघ, कुटुंब । यह नाम ।