पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/३३

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

तोसरा अध्याय शब्द-विचार पहला पाठ शब्द-भेद काली गाय वास खाता है । | तुम उस गाय को झट देखे । गायके पास एक कुत्ता अभी आया । कुत्ते ने उसे देखा होगा । क्या तुमने कुत्ते की ओर देखा है ? ईश्वर गाय के दुष्ट कुत्ते से बचावे । ६५-ऊपर लिखे वाक्य दो से अधिक शब्द से बने हैं। इनमें शाय?“धास”, “कुत्ता', और 'ईश्वर', ऐसे शब्द हैं जो वस्तुओं के नाम सूचित करते हैं। गाय एक प्राणी का नाम है “वास” एक पदार्थ का नाम है,"कुत्ता’एक प्राणी का नाम है और"ईश्वरसंसार के स्वामी का नाम है । वस्तु का नाम सूचित करनेवाले शब्द को व्याकरण में संज्ञा कहते हैं। स्मरण रहे कि जो पुस्तक तुम पढ़ते हो वह पुस्तक संज्ञा नहीं है, किंतु उसका नाम अर्थात्, “पुस्तक शब्द संज्ञा है ।। ६६-संज्ञा के सिवा वाक्य में एक ऐसे शब्द की आवश्यकता होती है जिसके द्वारा हम किसी वस्तु के विपत्र में कुछ कहते हैं । ऊपर के वाक्यों में खाती है" शब्द के द्वारा हम गाय के विषय में कुछ कहते हैं, “आया और देखा होगा” शब्दों के द्वारा कुचे के विषय में कुछ कहते हैं और बचावे' शब्द से ईश्वर के विषय में कुछ कहते अर्थात् विधान करते हैं। किसी वस्तु के विषय में विधान