पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/३२

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
( २२ )

( २२ ) ६१-यदि विसर्ग के पूर्व ई वी 3 हो और उसके परे क, ख । अथवा प, फ हो तो विसर्ग के स्थान में पू होता है । यशः-*दा = यशोदा अवगतिथेति तपः + वन=तपोवन तमःगुण = तमोगुण मनः +रथ==मनोरथ तेज:+मय-तेजोमय ६२---विसर्ग के पहले अ हो और पीछे कई घंपव्यंजन, ते अः के बदले को होता है । । निः-*-जन = निर्जन निः + अशा=निराशा दुः+गुण-दुगुण दुः + उपयोग-दुरुपयोग । निः+बुल=निर्बल । । आशीः +वाद=आशीर्वाद ६३----विसर्ग के पहले अ, 7 को छोड़ कर कोई दूसरा स्वर हो और पीछे कोई स्वर या धाप व्यंजन तो विसर्ग के स्थान में र होती है । यदि र के पश्चात् र आवे तो र के पहले का स्वर दीर्थं हो जाता है; जैसे निः + रवनीरव, निः + रस नीरस, निः + रोग=नीरोग ।। प्रतिर + काल=प्रातःकाल | अंतर + पुर=अंतःपुर । अंतर् + करण=अंतःकरण पुनर्+संस्कार=पुनःसंस्कार ६४---अंत्य र के पश्चात् अघोष व्यंजन आवे तो र के बदले विसर्ग होता है । ' अभ्यास १-नीचे लिखे शब्दो की संधि अलग करो धनुर्विद्या, निश्चय, निस्तार, निष्काम, अधोगति, पयोधर, मनोबल, नीरोग, दुर्दिन, दुरुकर्म, तेजःपुज, अंतःस्वेद ।। २-निम्नलिखित शब्दों की संधि मिला । निः+उत्तर, दुः-+गम, तप -+वन, पुनर+संधि, निः + रस, निः + पाप, प्रायः + चिंच, अंतर *शक्ति,तेजः + पुञ्ज, धनुः + कोटि ।